यज्ञशाला शंकरगढ़ में अक्षय नवमी को कार्तिक महोत्सव आयोजन में होगा विशाल भंडारा
प्रयागराज।ज्ञातत्य हो कि सनातन धर्म और विज्ञान एक दूसरे के पूरक है। वर्षा ऋतु के समापन के बाद धरती पर अनेक रोगो का प्रभाव दिखाई देने लगता है। आंवला का वृक्ष सनातन धर्म के अनुसार पूजनीय (भगवान विष्णु जी का वास है। और विज्ञान के अनुसार आंवला के फल में अनेक औषधीय गुण विटामिन सी सहित रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है। अतः सनातन धर्म में विज्ञान को आत्मसात करते हुए मनुष्य के कल्याण के लिए कार्तिक माह में विशेष रूप से अक्षय नवमी को आंवले के वृक्ष के नीचे भण्डारे का प्रावधान किया गया है। सनातन धर्म के अनुसार कार्तिक माह में अक्षय नवमी के दिन अमृत वर्षा होती है इस लिए इस दिन आंवले के वृक्ष के नीचे भोजन ग्रहण करने से स्वाथ्यलाभ होता है। एक साथ नागरिको को एक स्थान पर भोजन ग्रहण करने से समरसता में वृद्धि होती है। अतएव रामजानकी मंदिर पुजारी सेवा कल्याण समिति ट्रस्ट (यज्ञशाला) ने जन जागृति, सामाजिक समरसता, स्वाथ्यवर्धन हेतु कार्तिक माह में आंवले के वृक्ष के नीचे भोजन प्रसाद (भण्डारे का सम्पूर्ण माह करने जा रहा है। साथ ही भविष्य की योजना के अनुसार भव्य तिरूपती बाला जी के मंदिर का निर्माण यज्ञशाला में करवाया जायेगा ।अतः भण्डारे मे सहयोग राशि जमा करके रसीद प्राप्त करके समस्त नागरिक इस महोत्सव में शामिल हो सकते है।कार्यक्रम स्थल
एन. एस. के. इण्टर कालेज
का बाग निकट नागा बाबा की कुटी प्राचीन हनुमान जी का मंदिर वार्ड नं० 8 पटेल नगर (पेट्रोल टंकी ) शंकरगढ़ सहयोगी संस्थान कैम्ब्रीज हाईस्कूल एण्ड इण्टर कालेज शंकरगढ़।