पादरी द्वारा खुद के नाम फर्जी हस्ताक्षर कर कुटरचित दस्तावेज तैयार कर बहला फुसलाकर, हथियाने का आरोप लगाते हुए
कुशलगढ|गांव जालमपुरी (ऊकाला) कुशलगढ़ के जनजाति समुदाय के हडिया उर्फू सड़िया, धीरजी व जिथिग पुत्र राजहीग ने धर्मांतरित पादरी जोसफ, पादरी निर्मल, पादरी अरुण, द्वारा अपनी स्वयं की भूमि जो कन्वर्टेड पादरी द्वारा खुद के नाम फर्जी हस्ताक्षर कर कुटरचित दस्तावेज तैयार कर बहला फुसलाकर, हथियाने का आरोप लगाते हुए आज गांव के सैकड़ो ग्रामवासियों के साथ तहसील कार्यालय कुशलगढ़ पहुंचकर अपनी जमीन को उन पादरियों से दिलाने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया! जिसमें बताया गया कि जिस पादरी ने मेरी जमीन फर्जी हस्ताक्षर एवं दस्तावेज तैयार कर हथियाने के बाद उस पादरी ने स्वयं अपने नाम कर ली एवं अब उस जमीन को किसी दूसरे को बेचने की जानकारी से मुझे मालूम हुआ! जबकि उस जमीन पर में स्वयं काबिज हूं! प्रशासन से मांग करते हुए उसने उस जमीन को रिकॉर्ड में मेरे नाम से करवाने को लेकर आज ज्ञापन दिया! ग्रामीणों ने बताया कि अनुसूचित जनजाति के इस क्षेत्र में ईसाइयों द्वारा जगह-जगह पर बिना अनुमति के प्रशासन को धोखे में रखकर गिरजाघरों का निर्माण करवा रखा है एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों को लोभ लालच देकर धर्मांतरित करा रहे हैं! ऐसे सभी प्रकार के क्षेत्र में घूम रहे बहरूपिया पादरियों को पहचान कर प्रशासन कार्रवाई करें! अन्यथा संपूर्ण अनुसूचित जनजाति वर्ग को आंदोलना त्मक रुख अपनाना पड़ेगा! जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की रहेगी! ज्ञापन देने वालों में मोहन,सोहन, ईक्कनसिह, प्रकाश,राकेश,गौरव, तोलसिह,जय सिंह, बिजिया,भोदर, दलसिंहगिरी महाराज, सत्तर सिंहजी, श्यामजीभाई, कांतिलालजी, श्यामजी,कोमचन भाई,नरसिंग भाई आदि मौजूद रहे!