अपने घर में बेघर हूँ – मैं हिन्दी हूँ

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जिला साहित्यकार परिषद् की काव्य गोष्ठी सम्पन्न

भीलवाड़ा। (पंकज पोरवाल) जिला साहित्यकार परिषद् द्वारा काव्य गोष्ठी स्थानीय सिन्धुनगर स्थित हेमू कालानी सिन्धी शिक्षण संस्था भवन में आयोजित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता दयाराम मेठानी ने की एवं संचालन राधेश्याम शर्मा ने किया। काव्य गोष्ठी में कवियों ने हिन्दी दिवस से संबंधित रचनाओं केे अलावा विभिन्न विषयों पर गज़ल, गीतिका, गीत व मुक्त छंद में भी रचनायें प्रस्तुत की। काव्य गोष्ठी सरस्वती वंदना से आरंभ हुई। काव्य गोष्ठी में दिव्या ओबेराय ने ‘‘अपने घर में ही बेघर हूँ, मैं हिन्दी हूँ’’, हीरो वाधवानी ने ‘‘परिश्रम को पारस पत्थर कहो या अलाद्दीन का चिराग’’, जयप्रकाश भाटिया ने कहा ‘‘लो आज फिर 14 सितंबर आ गया, हिन्दी की रस्म अदायगी का दिन आ गया’’, अजीज़ ज़ख्मी ने ‘‘याद बहुत रखता था वो पर भूल गया’’, अपेक्षा व्यास ने ‘‘हिन्द देश की शान है हिन्दी’’, दयाराम मेठानी ने ‘‘मेरे जीवन साथी मुझको, प्यार भरा परिवार दो’’ सुनाकर वाहवाही लूटी। गोष्ठी में शिखा बाहेती, अभिलाषा जोशी, राधेश्याम शर्मा, बंशीलाल पारस, देवीलाल दुलारा, योगेन्द्र कुमार सक्सेना, शशि ओझा, प्रेम सोनी, रतन कुमार चटुल, दीपिका शर्मा, श्यामसुंदर तिवारी, चिरंजीलाल टांक, नरेन्द्र वर्मा, बृजसुंदर सोनी, महावीर सेन, पुनीता भारद्वाज, गोपाल शर्मा एवं दिनेश दीवाना ने अपनी अपनी रचना पर तालियां बटोरी।


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