मै और मेरा ही, अहंकार रूपी भाव ही मनुष्य के पतन का कारण – अशोकाचार्य

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सवाई माधोपुर 9 नवम्बर। हाउसिंग बोर्ड स्थित अग्रसेन सदन में चल रही संगीतमय श्रीमद भागवत कथा में शनिवार को कथा वाचक पंडित अशोकाचार्य महाराज ने सबसे पहले गजेंद्र मोक्ष का वर्णन किया।
उन्होंने कहा जीव ही हाथी है। काल रूपी मगर ने पेर पकड़ रखे है। काल रूपी ग्रह कभी जीव को ले जा सकता है इसके लिए हमें नल्प हाथी की तरह प्रभु का अंतरभाव होकर चिंतन करना चाहिए हम परमात्मा को भूल जाते हैं बस यही तो दुख का कारण है। बामन अवतार में बताया की बली की भक्ति के सामने भगवान छोटे हो गए, बोने हो गए, बली की आत्म निवेदन की भक्ति तो सभी करते हैं लेकिन मै और मेरा का बली ने दान किया। हमारा अहंकार बना रहता है यह अहंकार हीं हमारे पतन का कारण बन जाता है, राम अवतार के प्रसंग भये प्रकट कृपाला से भक्तो ने प्रभु की कथा का आनंद लिया। इस अवसर पर अखिल भारतवर्षीय गुर्जरगौड़ ब्राह्मण महासभा के प्रदेश सूचना एवं प्रसारण मंत्री सुरेंद्र शर्मा ने कथावाचक अशोकाचार्य का माला एवं दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया।
अंत में नन्दोत्सव धूमधाम से मनाया गया एवं भजनो पर श्रोता झूम उठे। रविवार को बाल लीलाओ का वर्णन, शाम के समय गोवर्धन लीला एवं छप्पन भोग की झांकी सजाई जाएगी।


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