शहीद गौरव की अनुकंपा नियुक्ति को मांग ने जोर पकड़ा
भरतपुर 15 जून|अनुकंपा नियुक्ति के लिए गत तीन वर्ष तक भटकने और प्रशासन व सरकार की अनदेखी से परेशान होकर गौरव फौजदार इस चिलचिलाती गर्मी में पिछले चार दिन से अर्धसमधि में है।
प्रशासन पिछले तीन साल से गौरव को नौकरी नही दे रहा है और गौरव सभी नेताओ अधिकारियों मंत्रियों के दर दर पर भटककर अपने जीवन से हताश हो चुका है।
ज्ञात रहे कि पिछली कांग्रेस सरकार के समय सभी नेताओ ने गौरव को झांसे में रखकर उसे तीन साल तक भटकाया और उसकी भर्ती से सबंधित किसी भी तरह का पत्राचार गौरव को ना देकर उसे बहलाते रहे कि उसे जल्दी ही नौकरी मिल जायेगी।
गौरव के भू समाधि लेने के बाद पूरे समाज का समर्थन उसे मिल रहा है।
सांसद संजना जाटव भी समर्थन में पहुंची
भरतपुर की नवनियुक्त सांसद संजना जाटव गौरव व उसकी माताजी से मिलने समाधि स्थल पहुंची और कहा कि वह अपने भाई की लड़ाई में सड़क से लेकर संसद तक साथ हैं और संसद में उसकी आवाज को बुलंद करेंगी व प्रशासनिक अधिकारियों से भी इस संदर्भ बात करेंगी।एक फौजी के बेटे को उसका हक मिलना चाहिए।
संजना जाटव से मिलने के बाद गौरव की माताजी ने कहा कि मेरे पति मेरे बेटे को 3 महीने का छोड़कर शहीद हुए थे मैने बड़ी मुश्किलों से उसे पाला है। बेटा पिछले तीन साल से नेताओ के चक्कर काट काटकर थक चुका है अगर उसे कुछ हो गया तो मैं सीएम आवास पर आत्मदाह कर लूंगी।
अधिकारी जबरदस्ती गौरव को उठाने पहुंचे
शाम 6 बजे के बाद समाधि स्थल पर पुलिस का जमावड़ा शुरू हो गया और अधिकारियों का आना शुरू हुआ। अधिकारी गौरव को बिना किसी आवश्वासन के उठाने की जिद करने लगे जिसे आंदोलनकारियों ने बिलकुल नकार दिया।
गौरव की तबियत बिगड़ी लेकिन बार बार कहने के बावजूद उसकी सुबह के मेडिकल चेक अप की रिपोर्ट आंदोलनकर्मियो को नही सौंपी। आंदोलनकारियों की सख्ती के बाद मेडिकल टीम आई लेकिन प्रशासन के दवाब में उन्होंने कहा कि गौरव को तबियत ठीक नहीं हैनिसे भर्ती करने की जरूरत है। लेकिन आंदिलनकारियों ने कहा कि हमे आप सुबह से रिपोर्ट नही दे रहे ना ही प्रोब्लम बता रहे हैं बिना रिपोर्ट के कैसे आप उसे उठा सकते हैं। क्या इलाज देंगे?बार बार बिना मेडिकल रिपोर्ट की बात पर adne par आंदोलनकारियों और मेडिकल टीम में हल्की झड़प भी हुई और आंदोलनकारियों ने कहा कि हम बाहर के डॉक्टर से जांच व इलाज कराएंगे।
रात में निजी डॉक्टर बुलवाकर गौरव की जांच कराई गई और डॉक्टर ने धरना स्थल पर ही इलाज किया।
प्रशासन को आंदिलनकारियो ने चेतावनी देते हुए कहा कि जल्द से जल्द गौरव की नौकरी के लिए आवश्यक कार्यवाही करके उसे उसका हक दें अगर गौरव को कुछ हो गया तो भरतपुर में कुछ भी हो सकता है। आमजन सरकार के इस अन्याय के खिलाफ उद्वेलित है और कुछ अनहोनी होने पर कानून व्यवस्था को जिम्मेदारी सरकार की होगी।