आईआईएम संबलपुर ने टीचिंग और लर्निंग की प्रक्रिया में एआई का उपयोग करने की घोषणा की

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छात्रों के सीखने के तरीके को पूरी तरह बदल देगा एआई – प्रो. महादेव जायसवाल, डायरेक्टर, आईआईएम संबलपुर

एआई की शुरुआत के साथ ही आईआईएम संबलपुर देश का पहला ऐसा संस्थान बन जाएगा, जिसकी कक्षाओं में एआई संकाय सदस्य के रूप में शामिल होगा

25 सितंबर, 2024- देश के प्रमुख प्रबंधन संस्थानों में से एक, आईआईएम संबलपुर ने बड़े पैमाने पर एआई की शुरुआत की घोषणा की है। संस्थान का कहना है कि एआई के इस्तेमाल से छात्रों के कक्षाओं में सीखने का तरीका पूरी तरह बदल जाएगा। शिक्षक की भूमिका भी शिक्षण से सृजन और सीखने में बदल जाएगी।
आईआईएम संबलपुर ने अपने 10वें स्थापना दिवस को उत्कृष्टता और परिवर्तनकारी उपलब्धियों के एक दशक को दर्शाते हुए मनाया। यह दशक इनोवेशन, समावेशिता और अखंडता के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। अपनी स्थापना के बाद से, राष्ट्रीय महत्व के इस संस्थान ने एक्शन ओरिएंटेड रिसर्च, वैल्यू ड्रिवन कंसल्टिंग और अनुभवों के आधार पर शिक्षण के माध्यम से प्रबंधन शिक्षा प्रदान करने का लक्ष्य रखा है। इन्हीं मूल्यों के आधार पर आईआईएम संबलपुर व्यावसायिक शिक्षा में एक अग्रणी संस्थान के रूप में तेजी से उभर रहा है। साथ ही, जेंडर डाइवर्सिटी, प्लेसमेंट, सांस्कृतिक विकास, और तकनीकी प्रगति के लिहाज से भी नए मानक स्थापित कर रहा है।
स्थापना दिवस समारोह में एमसीएल के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर उदय ए. काओले ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया, जबकि डॉ. अनुराग बत्रा विशिष्ट अतिथि थे। नेक्सस पावर की को-फाउंडर और सीईओ निशिता बलियारसिंह और आईबीएम के एसोसिएट पार्टनर अनिंद्य घोष मुख्य वक्ता थे।
आईआईएम संबलपुर का 10वां स्थापना दिवस
स्वागत भाषण देते हुए आईआईएम संबलपुर के डायरेक्टर प्रो. महादेव जायसवाल ने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान और इस विश्वस्तरीय संस्थान के निर्माण में योगदान देने वाले अन्य सभी लोगों का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं। इस अवसर पर मैं संस्थान की कुछ अनूठी विशेषताओं पर प्रकाश डालना चाहता हूं। आईआईएम संबलपुर, जिसकी शुरुआत 2015 में सिर्फ 49 एमबीए छात्रों के साथ हुई थी, आज 320 एमबीए छात्रों और 75 प्रतिशत छात्राओं के साथ एक गौरवशाली संस्थान है। हमने अपने इनक्यूबेशन सेंटर के तहत 60 से अधिक स्टार्ट-अप को शामिल करने के लिए विश्वस्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया और इसी स्तर की प्रक्रिया बनाई और साथ ही अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा दिया। आज के इस खास मौके पर हम परिवर्तनकारी शिक्षण अनुभव के लिए कक्षाओं में एआई के कार्यान्वयन की घोषणा करते हैं।’’
उन्होंने विकसित भारत के लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए फरवरी में महिला सशक्तिकरण शिखर सम्मेलन आयोजित करने की जानकारी भी दी और कहा कि आईआईएम संबलपुर प्रबंधन शिक्षा में वैश्विक स्तर पर एक अग्रणी संस्थान के रूप में उभरने के लिए अच्छी स्थिति में है। इस वर्ष आईआईएम संबलपुर में तीन उत्कृष्टता केंद्र शुरू किए जाएंगे और विविध एमबीए कार्यक्रम भी होगा जो अंतरराष्ट्रीय मान्यता के लिए एनईपी के केंद्रित प्रयासों के अनुरूप है।
मुख्य अतिथि एमसीएल के सीएमडी उदय काओले ने कहा, ‘‘आईआईएम संबलपुर सबसे जीवंत और सबसे चर्चित आईआईएम है। अगर आप आईआईएम संबलपुर के छात्र हैं, तोे यकीन मानिए आप सबसे अच्छे हाथों में हैं। मैं आईआईएम संबलपुर को अब तक उनके द्वारा किए गए हर काम के लिए बधाई देता हूं। मैं डॉ. जायसवाल को बधाई देता हूं जो इस संस्थान के पीछे की शक्ति हैं, जो इसे निरंतर आगे बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं। इस अवसर पर मैं देश के सबसे बड़े कोयला उत्पादक एमसीएल के व्यावसायिक पहलू को देखने के लिए आईआईएम संबलपुर के प्रतिभावान विद्यार्थियों को आमंत्रित करता हूं।’’
मुख्य वक्ता के रूप में नेक्सस पावर की को-फाउंडर और सीईओ निशिता बलियारसिंह ने छात्रों को सलाह दी कि वे अपने प्रयासों को निरंतर जारी रखें और हमेशा खुद के प्रति ईमानदार बने रहें।
आईबीएम के एसोसिएट पार्टनर अनिंद्य घोष ने कहा कि छात्रों को हमेशा फोकस्ड होकर काम करना चाहिए और इस दौरान उन्हें अपना सौ फीसदी देने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने अपने कॅरियर के शुरुआती चरण में वित्तीय योजना बनाने पर भी जोर दिया।
विशिष्ट अतिथि डॉ. अनुराग बत्रा ने विद्यार्थियों को हमेशा आशावादी बने रहने की सलाह दी और सस्टेनेबिलिटी की दिशा में यथासंभव प्रयास करने का आग्रह किया।
आईडीई बूटकैंप सेकंड एडिशन फेज वन का उद्घाटन
स्थापना दिवस समारोह के दौरान इनोवेशन, डिजाइन और एंटरप्रेन्योरशिप (आईडीई) बूटकैंप सेकंड एडिशन फेज वन को भी लॉन्च किया गया। यह कैंप माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी की कल्पना के अनुरूप है। 23 से 27 सितंबर 2024 तक निर्धारित, शिक्षा मंत्रालय, एआईसीटीई और शिक्षा मंत्रालय के नवाचार प्रकोष्ठ (एमआईसी) द्वारा संचालित इस पहल का उद्देश्य पूरे भारत में स्टूडेंट्स इनोवेटर्स के बीच इनोवेशन और डिजाइन के साथ-साथ एंटरप्रेन्योरशिप कौशल को आगे बढ़ाना है। बूटकैंप का आयोजन पूरे देश के नौ प्रतिष्ठित संस्थानों में एक साथ किया गया।
बूटकैंप में देश भर के उच्च शिक्षा संस्थानों के 3000 से अधिक छात्र इनोवेटर्स और इनोवेशन एंबेसडर शामिल हुए। आईआईएम संबलपुर नवाचार, उद्यमशीलता और अनुभवात्मक शिक्षा को बढ़ावा देने पर अपने फोकस के माध्यम से आईडीई बूटकैंप को सक्रिय रूप से सपोर्ट करता है। एक अग्रणी प्रबंधन संस्थान के रूप में, आईआईएम संबलपुर छात्रों के बीच उद्यमशीलता की मानसिकता और रचनात्मक समस्या-समाधान कौशल को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत और प्रभावी प्लेटफॉर्म प्रदान करता है। आईआईएम संबलपुर के डायरेक्टर महादेव जायसवाल ने इस अवसर पर कहा, ‘‘देश अपने युवाओं की उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने और इस बूटकैंप के शुभारंभ के साथ इनोवेशन से संबंधित अपने ईको सिस्टम को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने वाला है।’’
बूटकैंप प्रदर्शनी
इस कार्यक्रम में इनोवेटर्स और स्टार्टअप्स की ओर से एक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया। इस प्रदर्शनी में 70 से अधिक स्टार्टअप्स ने अपने अनूठे उत्पादों का प्रदर्शन किया। तकनीकी उत्पादों, कृषि उत्पादों और स्वास्थ्य सेवा उत्पादों आदि सहित उत्पादों की विविध रेंज थी। प्रदर्शनी में देश भर के स्टार्टअप्स ने भाग लिया।


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