नदबई में खुलेआम चल रहा सट्टे का कारोबार यह सब जानकर भी पुलिस बन रही अनजान, कस्बे में एक के नब्बै बनाने का धंधा जोरों पर, पुलिस प्रशासन बना बैठा है मूक दर्शक
नदबई|कस्बे में सट्टे का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है, नदबई सहित गांवों में भी सट्टा का कारोबार सफेदपोश नेताओ व स्थानीय लोगों एवं पुलिस प्रशासन की मदद से तेजी से फैल रहा है। लोग बेख़ौफ़ होकर अपने काले धंधे का संचालन कर रहे हैं। नदबई सहित गांवों को सट्टे ने अपनी चपेट में ले लिया है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोग अब खुलेआम सट्टा खेल रहे हैं और उनमें पुलिस का भी कोई खौप नजर नहीं आता है। वहीं पुलिस भी इस पूरे मामले पर अपनी आंखें मूंदे हुए हैं। कस्बे की तंग गलियों में काफी लोग सट्टे के धंधे में लगे हुए हैं। वहीं हालात देखकर लगता है कि इस पूरे मामले में कहीं ना कहीं पुलिस की भी मिलीभगत है। क्योंकि जिस तरह लोग खुलेआम सट्टा लगा रहे हैं और कस्बे में शौरूम खोल रखें हैं इसकी जानकारी पुलिस को होते हुए भी कोई कार्यवाही नहीं कि जाती हैं। माना जा रहा है कि कस्बे में रोजाना कई लाख रुपए का सट्टा खेला जा रहा है। नदबई में धड़ल्ले से चल रहे इस कारोबार को इलाके के सफेद पोश नेताओं और पुलिस का खुला संरक्षण प्राप्त है।
नदबई में कई जगह खुलेआम सट्टा शौरूम पर सट्टा पर्ची लिखी जा रही है। इसके अतिरिक्त कई चाय की थड़ी, परचून की दुकान की आड़ में भी सट्टा- पर्ची लिखने का खेल चल रहा है। इस धंधे में कई आदतन बदमाश व हिस्ट्री शीटर भी शामिल है। नदबई कस्बा सहित अनेक गांवों में भी सट्टा कारोबारी पैर पसार चुके हैं। विडंबना यह है कि सट्टे के इस खेल में युवा और बुजुर्ग बड़ी संख्या में फंसे हुए हैं। अब तो विद्यार्थी, व्यवसायी भी सट्टा खेलने के लिए पहुंचने लगे हैं।
इसका दुष्प्रभाव युवा वर्ग व मजदूर वर्ग पर अधिक दिख रहा है। जहां युवा वर्ग व मजदूर कर्ग के लोग सट्टा एवं जुआ जैसे संगीन अपराध में संलिप्त होते नजर आ रहे हैं। लेकिन इस अपराध को रोकने में नदबई पुलिस नाकाम साबित हो रही है, जिससे पुलिस प्रशासन की छवि धूमिल होती नजर आ रही है।
सट्टा एक नशा की तरह होता हैं, पहले लोग अपनी किस्मत आजमाते हैं फिर बाद में अपनी गाढ़ी कमाई को कई गुना करने के लालच में फंसकर धीरे-धीरे सबकुछ गंवा बैठते हैं। पुलिस इस अवैध कारोबार में लिप्त लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं करती है। कार्रवाई न होने की वजह से इस गोरखधंधे पर पूरी तरह अंकुश नहीं लग पा रहा है और अवैध कारोबार में लिप्त गिरोह के लोगों के हौंसले बुलंद हैं।
इस बीच सूत्रों से यह खबर छनकर सामने आ रही है कि जिस तरह से कस्बे में हाइटेक सट्टे का संचालन किया जा रहा है, इसमें 8 से 10 खाइवाल मिलकर दर्जनभर से अधिक जगहों पर ऑनलाइन व ऑफलाइन सट्टे की पर्चियां भी ली जा रही है, इधर सट्टे के नशे में युवा वर्ग तबाह हो रहा है। नई पीढ़ी भविष्य की चिंता की करने की बजाय 1 रुपए के 90 रुपए करने में किस्मत आजमाते हुए बर्बाद हो रही है।घरों में आर्थिक समस्याओं के उत्पन्ना होने से क्लेश बढ़ रहे हैं। विवाद की स्थिति बन रही है। इस तरह सट्टे के अवैध कारोबार ने कई परिवारों का जीना मुहाल कर रखा है। इस अवैध कारोबार को रोकने की जिम्मेदारी जिन कंधों पर है वो बढ़ावा दे रहे हैं। जागरूकजनों का कहना है कि यदि पुलिस ने समय रहते हुए सट्टे के कारोबार पर रोक नहीं लगाई तो नई पीढ़ी का जीवन पूरी तरह बर्बाद होने में देर नहीं लगेगी।
कभी-कभार होती है छुटपुट कार्रवाईः-
पुलिस को एक लंबे अर्से से सट्टे के मामले में कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है। कभी-कभार सट्टे की खाईवाली करने वालों को पकड़कर मुचलके पर छोड़ दिया जाता है। बड़े-बड़े रसूखदारों की इस कारोबार में बड़ी भूमिका है। सटोरियों पर कार्रवाई न हो पाने के पीछे पुलिस की कमजोर कड़ी कुछ पुलिसकर्मी ही बताए जाते है। मैदानी अमले से जुड़े पुलिस कर्मचारियों की सटोरियों से अच्छी खासी मिलीभगत है। उन्हीं के माध्यम से सटोरिए धंधा चला रहे हैं। सालाना आपराधिक रिकार्ड की यदि बात की जाए तो सट्टे के मामले में गिने-चुने ही केस दर्ज किए गए हैं। अधिकांश केस थाने के बाहर ही निपटा दिए जाते है। सट्टे के इस अवैध कारोबार ने मध्यम वर्ग के युवाओं को व मजदूर वर्ग को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। जो कुछ पैसों से अधिक पैसे बनाने के लालच में आकर रोजाना अपनी थोड़ी बहुत जमा पूंजी भी सट्टे पर उड़ेल रहे हैं। यहां तक नहीं है की दिहाड़ी मजदूरी कर परिवार का पेट पालने वाला मजदूर भी रोज की कमाई का कुछ हिस्सा सट्टे में लगाकर अपने व परिवार के लिए मुसीबत खड़ी कर रहा है।
शहर व ग्रामीण क्षेत्र में यह है सट्टे के हॉटस्पॉट-
कस्बे में रेलवे फाटक बहार,खांगरी रोड,नगरपालिका के सामने दो तीन चाय की थडी,नगर रोड तिराया,अम्बेडकर पार्क,कुछ सट्टे के बडे व्यापारियों सहित करीब एक दर्जन जगह सट्टे के कारोबार के हॉट स्पॉट है। वही ग्रामीण अंचल में बैलारा,भौसिंगा,न्यौठा,डहरामोड,मई,गादौली,लखनपुर,लुलहारा पहरसर सहित कई गांवों में भी बड़े पैमाने पर सट्टा खिलाया जा रहा है।