न्यायालय के आदेश के बावजूद भी राजस्व निरीक्षक द्वारा नहीं की जा रही पैमाइश-पीड़ित
औने-पौने दामों में खरीद-फरोख्त कर करोड़ों कमा रहे दलाल राजस्व को हो रहा भारी नुकसान
प्रयागराज।राजदेव द्विवेदी। कायदे कानून को ताक पर रखकर शंकरगढ़ क्षेत्र के इर्द गिर्द कृषि योग्य जमीनों पर अवैध प्लाटिंग का धंधा इन दिनों चरम पर है। इलाके में सक्रिय भू माफिया लोगों को पार्क ,सड़क, लाइट, नापदान, सामुदायिक केंद्र, हॉस्पिटल, खेल का मैदान आदि का सब्जबाग दिखाकर अवैध तरीके से प्लाट बेंच रहे हैं जिससे राजस्व को हानि, आर बी एक्ट 1958 का खुला उल्लघंन तथा पर्यावरण को नुक़सान हो रहा है। शंकरगढ़ के ग्रामीण इलाकों में अवैध तरीके से प्लाटिंग कर रहे कई लोगों द्वारा न तो नक्शा पास कराया जा रहा है, न ही बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। कृषि योग्य जमीनों को टुकड़ों में काटकर प्लाटिंग की जा रही है। कई बार शिकायत के बावजूद प्रशासन ने अब तक इनके खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। इन इलाकों का शायद ही कोई ऐसा कोई कोना अछूता होगा, जहां खेतों में कालोनी और प्लाटिंग के नाम पर यह काला धंधा न हो रहा हो। ये भू माफिया एक अदद संस्था का नाम रखकर धड़ल्ले से प्लाट काटते हैं। इस बात की कोई गारंटी नहीं होती कि कालोनी का विकास कब होगा। प्रशासन की तरफ से भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।इलाके में अवैध प्लाटिंग की वजह से हाइवे, स्टेट हाईवे और संपर्क मार्ग के किनारे मौजूद खेत भी तेजी से समाप्त होते जा रहे हैं। नियम के मुताबिक ले आउट बनाकर प्लाटिंग कराने से उसके लिए बंदिशें बढ़ जाती हैं। नक्शा पास कराने पर पार्क के लिए जगह छोड़ना अनिवार्य हो जाता है। सड़कों की चौड़ाई भी प्रावधान के अनुसार रखनी पड़ती है। नाली, बिजली और पानी की व्यवस्था करके देनी होती है। यही नहीं सरकार को डेवलपमेंट चार्ज भी देना पड़ता है। इतना सब करने से प्लाटिंग कॉस्ट बढ़ जाती है। जिससे मुनाफे पर असर पड़ता है। इसी वजह से बगैर ले आउट दाखिल किए सारे कार्य किए जा रहे हैं।ग्रामीण इलाकों में कृषि योग्य जमीनों में अवैध प्लाटिंग कर लोगों को तथा सरकार को ठगने वाले इन भू माफियाओं पर कब कार्यवाई होती है ये वक्त ही बताएगा। ऐसा ही एक ताजा मामला प्रकाश में आया है पीड़ित अरविंद केसरवानी ने जानकारी देते हुए बताया कि मेरे पिता ब्रह्म नारायण गुप्ता के नाम मौजा जोरवट आराजी संख्या 113/2,117/1,117/395 व 114/2 का संक्रमणीय भूमिधर काबिज दाखिल काश्तकार है। भूमि की पैमाइश हेतु उप जिलाधिकारी बारा के न्यायालय में धारा 24 की वाद दाखिल की थी। जिसमें न्यायालय द्वारा 29 अगस्त 2024 को पक्की पत्थर नसब के लिए आदेश पारित हुआ था बावजूद इसके राजस्व निरीक्षक व हल्का लेखपाल द्वारा 2 महीना बीत जाने के बाद भी हीला हवाली कर आज तक भूमि की पैमाइश नहीं की गई। बताया गया कि हर जगह शिकायत करने के बावजूद भी आज तक नाप नहीं की गई। ऐसा प्रतीत होता है कि दबंग भू माफियाओं के प्रभाव के कारण मेरी भूमि की नाप करने में राजस्व अधिकारियों द्वारा बहाना बनाया जा रहा है।पीड़ित अरविंद केसरवानी ने बारा राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर भूमाफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर राजस्व विभाग के अधिकारी ऐसे ही भूमाफियाओं को संरक्षण देते रहे तो शंकरगढ़ के राम भवन चौराहा में बड़ा आंदोलन किया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी।