समरसता के सूत्र को जीवन में उतारें: राम प्रसाद माणम्या
भीलवाडा। भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जन्म जयंती पर राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय की उपशाखा सुवाणा एवं भीलवाड़ा शहर का समरसता दिवस कार्यक्रम गुलमण्डी विद्यालय में आयोजित हुआ। कार्यक्रम संभाग उपाध्यक्ष कैलाश चंद्र सुथार की अध्यक्षता, सुशीला विश्नोई शैक्षिक प्रकोष्ठ सदस्य व जितेन्द्र सिंह प्रान्त महामंत्री साहित्य परिषद के विशिष्ट आतिथ्य तथा मुख्य वक्ता जिलाध्यक्ष राम प्रसाद माणम्या की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए विनोद झँवर ने बताया कि मुख्य वक्ता माणम्या ने भारत रत्न डॉ.भीमराव अंबेडकर के जीवनवृत पर प्रकाश डालते हुए उस समय के भेदभाव के विरुद्ध उनके संघर्ष और स्वतंत्र भारत में उनके अविस्मरणीय योगदान को याद किया। बाबासाहब ने अपमान को सहकर भी वर्ग संघर्ष के स्थान पर समाज व देश हित को सर्वाेपरि रखा। वे गरलपान कर नीलकंठ बन गए परन्तु संविधान में बिना किसी कुंठा या प्रतिशोध के सभी को समान अधिकार प्रदान किए। हम उस महामानव का समुचित मूल्यांकन नहीं कर पाए। उन्होंने सभी शिक्षकों से समरसता को जीवन में उतारने का आग्रह किया। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कैलाश चंद्र सुथार ने सभी शिक्षको को संस्कृति हस्तांतरण का कारक बताते हुए समरस समाज की स्थापना करने का आह्वान किया। जगजितेन्द्र सिंह और सुषमा विश्नोई ने अपने संबोधन में अस्पृश्यता को मिटाकर समतामूलक समाज के निर्माण पर बल दिया। कार्यक्रम के पश्चात सभी शिक्षकों ने स्टेशन चौराहे पर स्थित अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनको नमन किया। अतिथियों का परिचय शहर अध्यक्ष शिक्षक संघ राष्ट्रीय भीलवाड़ा बसंत पोरवाल ने करवाया। कार्यक्रम का संचालन अजीत सिंह ने किया। इस अवसर पर अनूप सिंह, राजेन्द्र शर्मा, बनवारी लाल काबरा, सुरेन्द्र सिंह मीणा, राजेश सोमाणी, कल्पना जैन, कौशल्या पालीवाल, प्रमिला बैरागी, बसंतीलाल पोरवाल, पंकज जैन, ओम प्रकाश सुथार, सत्यनारायण मंत्री, राजेन्द्र सोगाणी, राजेन्द्र काबरा सहित सुवाणा और शहर उपशाखा के कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।