चार दिवसीय जलझुलनी मेला सम्पन्न, एकादशी पर हुआ अभिषेक व हवन, निकला बेवाण, सजी प्रभु की झांकियां
भीलवाड़ा। नौगांवा सांवलिया सेठ मंदिर में जल झूलनी एकादशी पर भगवान के श्रीनाथजी रूप में झरोखे में दर्शन हुए। 4 दिन से भर रहे विशाल मेले में अंतिम दिन सैकड़ो भक्तों ने भाग लिया। वृंदावन के कलाकारों के प्रयासों से मोर पंख एवं पूरी तरह दूधिया रोशनी में सजे मंदिर में एकादशी पर कार्यक्रम की शुरुआत ठाकुर जी के अभिषेक व हवन से हुई । हवन में 21 दम्पतियों ने आहुतियां दी । झूला झूलने के लिए ठाकुर जी पारंपरिक परिधान धोती कुर्ता एवं साफा पहने सैकड़ो भक्तों के साथ नौगांवा के तालाब पर गाजे बाजे व घोड़े, डीजे से पहुंचे । वहां ठाकुर जी को झूला झूलाने के बाद बनारस की तर्ज पर महा आरती की गई सभी भक्तों ने हाथों में करीब 201 आरती की थाली लिए इसमें भाग लिया। मेला परिसर में सभी तीर्थ के दर्शन कराने का पूरा प्रयास किया गया। इनमें श्रीनाथजी, अयोध्या के रामलला, कनक मंदिर, दूधाधारी मंदिर, मंडफिया सांवलिया सेठ मंदिर प्रमुख रहे। आगरा के प्रसिद्ध कलाकारों की जीवंत झांकी, कल्पवृक्ष की परिक्रमा और हंसी के फ़व्वारे ने मेले की शोभा बढ़ाई । मेवाड़ के प्रसिद्ध कारीगरों ने मेरा वृन्दावन, कनक बिहारी, बाल गोपाल की क्रीड़ा, अयोध्या द्वार, घड़ियाल, कनक बिहारी, श्रीनाथजी और बछड़ा की झांकिया बनाई । झांकी सभी श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रही। मेला पूरी तरह पॉलिथीन मुक्त रहा। राकेश तिवारी एवं हितेश तिवारी के सहयोग से भक्तों को प्रसाद फूल फल चढ़ाने के लिए प्लास्टिक की 300 टोकरी उपलब्ध कराई गई। पद यात्रियों का दुपट्टा पहनाकर भव्य स्वागत किया गया उनके लिए मार्ग में लंगर व्यवस्था रही। वीर तेजा फोर्स नौगांवा, सांवलिया सेठ मंदिर पुर, सांवलिया सेठ महिला मंडल गाडरमाला, लघु उद्योग भारती, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने सेवाएं दी। मंदिर व्यवस्था प्रबंधन प्रमुख गोविन्द प्रसाद सोडानी ने बताया कि मेले में आने वालों को तक़लीफ न हो इसके लिए पार्किंग व्यवस्था की गई है। बच्चों के लिए झूले, चकरी मेले में लगाई गई। विभिन्न जिलों व सांवलिया मंडल शनि महाराज, इच्छापूर्ण बालाजी मंदिर, सांवलिया सेठ मंडल गाडरमाला, बालाजी सांवलिया सेठ मंडल पुर से आने वाले पद यात्रियों के आवागमन पर उनका सम्मान किया गया । सांवलिया सेठ मित्र मंडल, लघु उद्योग भारती, अखिलेश जाजू एन्ड पार्टी ने जलपान की व्यवस्था की। गोकुल डेयरी की ओर से छाछ की व्यवस्था रही । विभिन्न स्थानों सहित मंदिर परिसर में फलाहार व जलपान की व्यवस्था ट्रस्ट द्वारा की गई। गोमाता के साथ सेल्फी प्वाइंट के माध्यम से गो दर्शन गो परिक्रमा की विशेष व्यवस्था की गई । पंक्तिबद्ध सुव्यवस्थित अनुशासित दर्शन के लिए टीम लगायी जाएगी। कार्यक्रम में मदनलाल धाकड़, कैलाश डाड, गिरिराज काबरा, गोपाल सोमानी, लीलाधर अग्रवाल, बालचंद, रामस्वरूप अग्रवाल, गणपतसिंह नौगांवा सरपंच का पूरा सहयोग रहा।