शाहपुरा में रॉयल्टी वसूलने वालों के खिलाफ निर्माण कार्य ठेकेदारों ने प्रदर्शन कर दिया ज्ञापन
राज्य सरकार द्वारा नवगठित जिला बनाये जाने के बाद शाहपुरा में भी मनमानी तरीके से अवैध तरीके से कथित रूप से स्वयं को बजरी ठेकेदार बता कर माफियाओं द्वारा रॉयल्टी वसूलने की कार्रवाई लंबे समय से चली आ रही है। इस अवैध वसूली के खिलाफ आज शाहपुरा क्षेत्र के निर्माण क्षेत्र से जुड़े हुए ठेकेदारों तथा काम करने वालों ने शाहपुरा जिले की विशेष अधिकारी डॉ मंजू को ज्ञापन दिया तथा इससे पहले उनके कार्यालय के बाहर प्रदर्शन भी किया।
निर्माण कार्य ठेकेदार मुकेश धाबाई तथा बालूराम जाट की अगुवाई में निर्माण कार्यों से जुड़े हुए ठेकेदारों ने विशेषाधिकारी को दिए अपने ज्ञापन में कहा है कि जिला प्रशासन की घोषित सूचना तथा खनिज विभाग से मांगी गई सूचनाओं के आधार पर शाहपुरा क्षेत्र में बजरी का ठेका नहीं दिया गया है। बावजूद इसके निर्माण कार्य से जुड़े ट्रैक्टर तथा अन्य वाहनों से कतिपय लोग अवैध तरीके से रॉयल्टी वसूलने का काम कर रहे हैं। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि बाकायदा इन माफियाओं द्वारा रसीद बुक छपवा कर प्रत्येक ट्रैक्टर ट्रॉली के 1200 से 1500 वसूल किए जा रहे हैं। ट्रैक्टर चालक द्वारा रॉयल्टी नहीं देने पर माफिया लोगों द्वारा उनके पीछे अपना वाहन लगाकर और चालक को बिठाकर मारपीट की जाती है। ज्ञापन में माफियाओं में सोहन जाट व अरबाज कायमखानी, शाहरुख को नामजद करते हुए कहा गया है कि उनकी टीम में अन्य कई लोग भी शामिल हैं। ठेकेदारों ने अपने ज्ञापन में कहा है कि बजरी ठेका के कथित माफियाओं द्वारा अवैध वसूली का जो शाहपुरा में नाजायज कारोबार प्रारंभ कर नाजायज रूप से हजारों रुपए की प्रतिदिन वसूली की जा रही है। पुलिस में इनके खिलाफ रिपोर्ट दिए जाने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है। पहले भी बिलिया सेक्टर के लोगों ने इस संबंध में ज्ञापन दिया था। आज के ज्ञापन में सभी ठेकेदारों ने प्रशासन को 10 दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि पुलिस व प्रशासन द्वारा बजरी माफियाओं के नाम पर अवैध कारोबार करने वालों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो शाहपुरा क्षेत्र के नागरिक उग्र आंदोलन करेंगे।
आज ज्ञापन देने वालों में मुराद खां कायमखानी, प्रवीण सोनी, कैलाश फामड़ा, नासिर मोहम्मद, रामप्रसाद कहार, मनीष आचार्य, रमेश बैरवा, राजेश सौंलकी, राधाकिशन, गणराजसिंह आदि मौजूद रहे।
मूलचन्द पेसवानी