प्रयागराज।ब्यूरो राजदेव द्विवेदी। जनपद के यमुनानगर विकासखंड शंकरगढ़ के अधिकांश ग्राम सभाओं की बिना खुली बैठक किये प्रधान व सचिव कर रहे मनमानी तरीके से कार्य ग्रामीणों व सदस्यों को नही दी जा रही जानकारी।सूत्रों की माने तो दो वर्ष से ज्यादा का समय हो रहा व्यतीत लेकिन कार्ययोजना बनाने की न कोई खुली बैठक हो रही और न ही सदस्यों के साथ कोई बैठक कर के कार्य कराने के बारे में समीक्षा की जा रही।सूत्र बताते हैं कि अधिकांश ग्राम प्रधान व सचिव मनमानी ढंग से करवाते है कार्य सदस्यों को नहीं भनक तक नहीं लगती।अमृत सरोवर योजना शुरू की गई जिसमे गांव के तालाबो को संरक्षित करने , पशुओं को पानी पीने, जमीन का वाटर लेवल बनाए रखने और कब्जा मुक्त कराने के लिए पहल शुरू की गई लेकिन कागजी कोरम पूरा कर इति श्री दिया गया।एक वर्ष से कई ग्राम पंचायतों में मनरेगा के कार्य नही हुए प्रधान रोजगार सेवक की मनमानी और रोजगार सेवक प्रधान की मनमानी बता कर बात को टाल देते हैं सचिव अपनी जिमेदारी की भूमिका नही अदा कर पा रहे कि कार्य हो न हो कमीशन तो बना ही रहेगा।दो वर्षों के डबलूबीएम ,गिट्टी मोरम की जो सड़के बनाई गई अधिकांश सड़के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है।शासन द्वारा जो हर वर्ष बृहद पैमाने पर पौधरोपण होते हैं उनको भी संरक्षित नही किया जाता और पौधे सूख रहे हैं।अधिकांश ग्राम पंचायतों में आधा अधूरा आवास भी अभी तक पूर्ण नही हुए जिम्मेदार कौन पूछती है गांव की जनता।इसी तरह बहुत से कार्य है जिनका प्रधान या सचिव किसी से कोई चर्चा नही करते और सदस्यों को कोई जानकारी नही देते।ऐसे में कैसे होगा संभव विकसित भारत संकल्प यात्रा का सपना।सूत्र बताते हैं कि कई ऐसे ग्राम प्रधान प्रतिनिधि है जो दिन भर ब्लॉक मुख्यालय का करते हैं गणेश परिक्रमा गांव के विकास से नहीं है कोई सरोकार ग्राम प्रधान सिर्फ चिड़िया बैठाने तक सीमित है। ग्रामीणों द्वारा जल्द ही उच्च अधिकारियों से होगी शिकायत बिंदुवार हर गांव की होगी भौतिक परीक्षण और खुलेगा भ्रष्टाचार का काला चिट्ठा।
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