प्रयागराज ओंकारेश्वर व गंगा व विशेष रूप से स्थानीय काली मिट्टी को मिलाकर किया शिवलिंग निर्माण
भीलवाडा। (पंकज पोरवाल) श्रावण मास आते ही शिवालय में भक्तों की भक्ति आराधना देखने को मिलती है। नेहरू गार्डन के समीप स्थित श्री सिद्धबली बालाजी व ओंकारेश्वर महादेव मंदिर में संपूर्ण श्रावण मास में सवा लाख पार्थिव शिवलिंग निर्माण का अनुष्ठान चल रहा है जिसमें विशेष रूप से तीन तीर्थ की मिट्टी शिवलिंग निर्माण के लिए मंगाई गई है प्रयागराज ओंकारेश्वर व गंगा की मिट्टी व विशेष रूप से स्थानीय काली मिट्टी में इस पवित्र तीर्थ की मिट्टी को मिलाकर शिवलिंग निर्माण किया जाता है। समिति के प्रदीप चैधरी ने बताया कि सामूहिक रूप से समस्त भक्तों द्वारा भीलवाड़ा में पर्यावरण संरक्षण के लिए संकल्पित हो कर नगरवासी प्रतिदिन 5000 शिवलिंग निर्माण कर अभिषेक पूजा की जाती है व उनका श्रृंगार कर भक्तो के दर्शनार्थ विराजमान किया जाता है। आश्रम के परिसर में विशेष निर्मित कुंड में शिवलिंगों का नित्य विसर्जन भी किया जाता है। यह पूजा आदि अनादि काल की परंपरा से चली आ रही है जहां भगवान श्री राम ने रामेश्वर शिवलिंग की स्थापना कर पर्यावरण के संरक्षण में मिट्टी संवर्धन के लिए जगत को संदेश दिया है। संत जागेश्वर दास ने बताया कि नाग पंचमी के दिन मूर्तिकार भीमसिंह भाटी ने शिव की मूर्ति बनाकर भगवान शिव का श्रृंगार किया। पंडित गौरीशंकर शास्त्री के सानिध्य में यह अनुष्ठान समस्त मानव कल्याण के स्वस्थ दीर्घायु के लिए किया जा रहा है। कोई भी भक्त आकर शिव लिंग निर्माण करे और अभिषेक करे अपनी मनोकामना को पूर्ण कर सकता है।