विधानसभा में विधायक डॉ. गर्ग ने प्रशासन शहरों व गांवो के संग अभियान चलाने की मांग की

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सफाई कर्मचारी भर्ती में बाल्मीकि समाज को मिले प्राथमिकता-डॉ. गर्ग

 सुजान गंगा नहर सहित अन्य मुद्दों पर भी रखी अपनी बात

 भरतपुर । राज्य विधानसभा में पूर्व राज्य मंत्री एवं भरतपुर विधायक डॉ. सुभाष गर्ग ने भरतपुर की स्कीम नंबर 13 व कच्चा परकोटा पर रहने वाले लोगों के लिए पट्टे दिलवाने के साथ ही नगर निकायों में सफाई कर्मचारियों की भर्ती में बाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने की मांग करते हुए सुजान गंगा नहर का जीर्णोद्धार कराने पर जोर दिया ।
डॉ. गर्ग ने विधानसभा में कहा कि 15 साल पहले भरतपुर की स्कीम नंबर 13 को लांच किया गया था और किसानों की जमीनों का अधिग्रहण किया गया था लेकिन किसानों को अभी तक भूमि के बदले भूमि नहीं मिली है और आधे से अधिक लोगों को पट्टे भी नहीं मिल पाए हैं ।उन्होंने शहर के कच्चे परकोटे पर रहने वाले लोगों के लिए भी पट्टे दिलवाने की मांग करते हुए कहा कि पूर्ववर्ती सरकार की तरह प्रशासन शहरों एवं प्रशासन गांवों के संग अभियान का चलाया जाए जिससे आमजन लाभान्वित हो सके ।
डॉ. गर्ग ने कहा कि नगर निकायों में सफाई कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया में बाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देते हुए उनके लिये सफाई कर्मी पद आरक्षित किया जाए । उन्होंने सुजान गंगा नहर का जोरदारी के साथ मुद्दा उठाते हुए कहा कि भरतपुर शहर की सुजान गंगा नहर लाइफ लाइन थी लेकिन अब वह सोसाइट पॉइंट बनती जा रही है । हालांकि पूर्वर्ती सरकार के कार्यकाल में सुजान गंगा के जीर्णोद्धार के लिये कई कार्य कराए गए और अभी भी उसके जीर्णोद्धार के लिये बिशेष आवश्यकता है । ऐसे में सुजान गंगा नहर के जीर्णोद्धार के लिये बिशेष प्रावधान किए जाएं ताकि आमजन लाभान्वित हो सके ।
विधायक डॉ. गर्ग ने सीएफसीडी का मुद्दा एक बार फिर उठाते हुए कहा कि सीएफसीडी के कार्य को गति दिलाई जाए जिससे इसका कार्य शीघ्र पूर्ण हो तो शहर की कॉलोनियों व मोहल्लों में होने वाले जलभराव की समस्या से लोगों को निजात मिल सके ।इसके साथ ही भरतपुर को एनसीआर से ही हटवाने की आवश्यकता प्रतिपादित करते हुए उन्होंने कहा कि एनसीआर का लाभ भरतपुर को नहीं मिल पा रहा है औऱ इसकी वजह से विकास कार्यों में भी रुकावट आ रही है। राज्य सरकार पहल कर भरतपुर को एनसीआर से हटाने का कार्य करें । उन्होंने नगर सुधार न्याय में भी नगर निकायों की तरह जनप्रतिनिधियों की भूमिका तय करने की मांग करते हुए गैर अनुमोदित कॉलोनियों में भी नियमानुसार विकास कार्य कराने पर जोर दिया ।


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