श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ में श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह कथा सुनकर श्रोता हुए भाव विभोर


कथावाचक निशाकांत ओझा श्रोताओं को कथा का कर रहे रसपान

प्रयागराज। जनपद के यमुनानगर विकास खंड कौंधियारा के गोंठी गांव में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा भक्ति ज्ञान यज्ञ बुधवार को कलश यात्रा के साथ शुरू किया गया। इसके पूर्व कलश यात्रा कथा स्थल मंडप से शुरू हुई। जहां करीब 101 महिलाएं और कन्याएं पीला वस्त्र धारण कर सिर पर कलश उठाए ग्राम भ्रमण में शामिल हुईं। कलश यात्रा के साथ शोभायात्रा का भी आयोजन किया गया। शोभायात्रा में बैंड एवं धर्मध्वजा युक्त घोड़ा, झांकी निकाली गई। कलश यात्रा गांव की गलियों से होती हुई शिव मंदिर भ्रमण कर भागवत कथा स्थल पर पहुंच कर संपन्न हुई। आयोजक विकास चंद्र तिवारी ने बताया कि व्यासपीठ पर आचार्य कुल गुरु निशाकांत ओझा के द्वारा संगीतमय वाणी में श्रीमद् भागवत कथा का रसपान कराया जा रहा है। बुधवार को शाम 3 बजे से भागवत महात्मय मंगलाचरण की कथा के साथ कथा का विश्राम हो गया। गुरुवार को परीक्षित जन्म, शुकआगमन कपिलावतार एवं ध्रुव चरित्र की कथा के साथ ही श्रीमद्भागवत कथा में श्रद्धालु नटवरनागर की भक्ति में झूम उठे। मुख्य यजमान हरिप्रकाश तिवारी एवं गीता देवी, कुल पुरोहित पंडित शिवा कान्त शुक्ला एवं श्रोताओं की भारी भीड़ भागवत कथा सुनने के लिए उपस्थित रही। ब्यास पीठ से कथावाचक निशाकांत ओझा ने अपने संगीतमयी वाणी से श्रोताओं को कथा का ऐसा रसपान कराया कि श्रोता भाव विभोर हो झूमने गाने लगे। श्रीमद् भागवत कथा में मंगलवार को श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह की कथा सुनाई गई। आचार्य निशकांत ओझा ने कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान भक्तों की पुकार अवश्य सुनते हैं। रुक्मणी की पुकार पर श्री कृष्ण भगवान को उनका हरण तक करना पड़ा। उन्होंने श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह लीला की संगीतमय कथा कही जिसे सुनकर श्रोतागण मंत्र मुग्ध हो गए। इस अवसर पर सैकड़ो लोग अमृतमई कथा का श्रवण पान किया।


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