सिंधु सभा के बाल संस्कार शिविर का उद्घाटन


मातृभाषा सिखाने, सामाजिक संस्कार, पारंपरिक मूल्यों और सांस्कृतिक चेतना से भी ओत-प्रोत होगा बाल संस्कार शिविर

शाहपुरा। शाहपुरा में सिंधी समाज की भावी पीढ़ी को मातृभाषा, संस्कृति और संस्कारों से जोड़ने की दिशा में एक सराहनीय पहल करते हुए सिंधी बोली संस्कार शिविर का विधिवत शुभारंभ किया गया। यह 15 दिवसीय शिविर झूलेलाल मंदिर, दिलखुशाल बाग परिसर में भारतीय सिंधु सभा के तत्वावधान और पूज्य सिंधी पंचायत शाहपुरा के आयोजन में शुरू हुआ।
शिविर के उद्घाटन समारोह में समाज की वरिष्ठ गुरयाणी रेखा सिंधी के सानिध्य में पूज्य सिंधी पंचायत अध्यक्ष मोहनलाल लखपतानी, सिंधु सभा अध्यक्ष चेतन चंचलानी, झूलेलाल महिला मंडल संयोजक शिल्पा सामतानी सहित समाज के अनेक गणमान्य पदाधिकारी, महिलाएं और अभिभावक उपस्थित रहे।
शिविर के पहले दिन 21 बालक-बालिकाओं का पंजीयन किया गया, जिन्हें सिंधी बोली की मूल बातें, भाषा की शुरुआत और संस्कृति की जानकारी दी गई। यह शिविर बच्चों को न केवल मातृभाषा सिखाने का माध्यम बनेगा, बल्कि उन्हें सामाजिक संस्कार, पारंपरिक मूल्यों और सांस्कृतिक चेतना से भी ओत-प्रोत करेगा।

संस्कृति और परंपरा से जोड़ने की कोशिश
शिविर में भारतीय सिंधु सभा द्वारा तय पाठ्यक्रम के साथ स्थानीय स्तर पर तैयार विशेष पाठ्यक्रम का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें बच्चों को सिंधी भाषा का पठन-पाठन, लेखन, बोलचाल, सिंधी संस्कृति और सभ्यता की जानकारी दी जाएगी। साथ ही, पारंपरिक वाद्य यंत्रों की शिक्षा और विभिन्न सामूहिक गतिविधियों के माध्यम से उनके समग्र विकास को दिशा देने का प्रयास किया जाएगा।

यह भी पढ़ें :  अयोध्या से आये पूजित अक्षत का घर घर वितरण अभियान शुरू

मातृशक्ति की भूमिका को बताया अहम
सिंधु सभा अध्यक्ष चेतन चंचलानी और पूज्य सिंधी पंचायत अध्यक्ष मोहनलाल लखपतानी ने बताया कि यह शिविर बच्चों को मातृभाषा के साथ-साथ भारतीय सनातन संस्कृति की गहराई से भी जोड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस पुनीत कार्य में समाज की मातृशक्ति की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। महिलाएं ही संस्कारों की नींव रखती हैं और भविष्य की पीढ़ी को दिशा देती हैं। इसीलिए शिविर में महिला मंडल की सक्रिय भूमिका विशेष सराहनीय है।

महिला मंडल का उत्साह
शिविर में झूलेलाल महिला मंडल की कृष्णा वासवानी, कविता वासवानी, सावित्री देवी मेठवानी, दुर्गा केवलानी, भारती लखपतानी, विमला आसवानी, धनवंती थारवानी, हर्षिता पेसवानी, शिक्षिका मेघा केवलानी, अंजली सामतानी आदि ने सक्रिय भागीदारी निभाई। कार्यक्रम को सफल बनाने में पूज्य सिंधी पंचायत सचिव ओम सिंधी और मोहनलाल केवलानी की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही।

नवाचारों के साथ सीखने का माहौल
शिविर में बच्चों के लिए सीखने का वातावरण नवाचारों और उत्साह से भरा रहेगा। प्रत्येक सत्र में भाषा और संस्कृति की गहराई को सरल तरीके से समझाया जाएगा, जिससे बाल प्रतिभाओं में आत्मविश्वास और जुड़ाव बढ़ेगा। सामूहिक गीत, नृत्य, पारंपरिक कहानियों और संवाद आधारित गतिविधियों से बच्चों को भाषा और संस्कृति का जीवंत अनुभव प्राप्त होगा।

समाप्ति समारोह में होगा प्रमाण-पत्र वितरण
शिविर के समापन पर एक भव्य समारोह का आयोजन कर सभी प्रतिभागी बच्चों को प्रमाण-पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किए जाएंगे। साथ ही बच्चों द्वारा सीखी गई बातों की प्रस्तुति के माध्यम से अभिभावकों को भी इस प्रयास की सार्थकता का अनुभव कराया जाएगा।

यह भी पढ़ें :  घोषणा के बाद भी स्कूल का नाम क्रांतिकारी बारहठ पर न हो सका


WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now