अभिभाषक संस्था ने की अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की घोषणा
नवगठित शाहपुरा जिले का औपचारिक उद्घाटन समारोह 7 अगस्त सोमवार को काॅलेज ग्रांउड पर होगा। इसके पहले शनिवार से ही जिले के सीमाकंन को लेकर विरोध प्रांरभ हो गया है। आज से शाहपुरा बंद की घोषणा कर दी है। अनिष्चितकालीन बंद की घोषणा कर दी है। अधिवक्ताओं ने भी कार्य बहिष्कार की घोषणा कर दी है।
राज्य सरकार द्वारा शाहपुरा को जिला बनाए जाने के सीमांकन की घोषणा होने के साथ ही शाहपुरा में विरोध का दौर शुरू हो गया। शाहपुरा संघर्ष समिति का गठन किया गया। जिसके द्वारा राज्य सरकार से करीब 500 करोड रुपए की राजस्व लागत वाली हुरडा गुलाबपुरा तहसील भीलवाड़ा में शामिल किए जाने का विरोध किया जा रहा है। इससे पूर्व राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रस्तावित सीमाकंन के दौरान इन दोनों तहसीलों को शाहपुरा में शामिल किए जाने की प्रस्तावना दी गई थी। हुरडा मे वेदांता तथा हिंदुस्तान जिंक का आगूचा माइंस जिंक उत्पादक एशिया का सबसे बड़ा संयंत्र है जिसके द्वारा डीएमएफटी फंड में प्रतिवर्ष करीब 500 करोड रुपए जिला प्रशासन को दिए जाते हैं।शाहपुरा संघर्ष ।
आज बंद व प्रदर्शन के बाद सांयकाल त्रिमूर्ति स्मारक पर समिति की बैठक में सामूहिक निर्णय लिया गया कि शाहपुरा अनिश्चितकालीन बंद रहेगा। त्रिमूर्ति स्मारक पर शनिवार शाम को संघर्ष समिति के आह्वान पर बैठक आयोजित की गई। जिसमें विभिन्न व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधि, सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि, बार एसोसिएशन के पदाधिकारी शामिल हुए। बैठक को संबोधित करते हुए शाहपुरा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील शर्मा ने बताया कि शाहपुरा अभिभाषक संस्था द्वारा शाहपुरा हित में मांगे नहीं माने जाने तक अनिश्चितकाल के लिए सभी वकीलों द्वारा कार्य बहिष्कार किया जाएगा। बैठक को वरिष्ठ नागरिक संस्थान के देवेंद्र सिंह बुलिया, इंजी.शक्ति सिंह परिहार, महेश बोहरा, शाहपुरा जीएसएस के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र बोहरा, उपाध्यक्ष सुगन चंद बोहरा, बैरवा महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष लालाराम बेरवा, वरिष्ठ शिक्षाविद् डॉ हरमल रेबारी, संघर्ष समिति के संयोजक जयंत जीनगर, अर्पित ठठेरा, अमन पुंडरीक, हिंदू जागरण मंच के जिला संयोजक हनुमान धाकड़, ने संबोधित किया। सामूहिक बैठक में यह निर्णय लिया गया कि शाहपुरा हित में राज्य सरकार द्वारा मांगे नहीं माने जाने तक अनिश्चित काल के लिए शाहपुरा बंद रहेगा। बंद को लेकर सभी जने रविवार को सुबह 7 बजे त्रिमूर्ति चैराहे पर एकत्रित होंगे। वही बैठक के दौरान आयोजित किए जा रहे हैं शहरी ओलंपिक के भी सामूहिक बहिष्कार का निर्णय लिया गया है।