किसानों व बैंकरों को नाबार्ड के योगदान के विषय में दी जानकारी

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सवाई माधोपुर में नाबार्ड द्वारा आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत कार्यक्रम सम्पन्न

सवाई माधोपुर, 2 अगस्त। नाबार्ड द्वारा सवाई माधोपुर में आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत किसानों व बैंकरों के लिए संगोष्ठी सोमवार को बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (बीआरकेजीबी) के क्षेत्रीय कार्यालय सभागार मे आयोजित की गई। नाबार्ड जिला विकास प्रबन्धक पुनीत हरित ने देश तथा राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों और कृषि विकास हेतु नाबार्ड के सतत् प्रयासों की विस्तृत जानकारी दी।
कार्यक्रम में सम्मानीय मुख्य अतिथि स्वावलंबी भारत अभियान की अखिल भारतीय सह समन्वयक अर्चना मीणा ने स्वदेशी, स्वावलंबन तथा सहकार का महत्व बताया। उन्होनें अनेक उदाहरणों से समझाया कि भारतीय अर्थव्यवस्था के दीर्घावधि विकास एवं असली ग्रामीण प्रगति हेतु आवश्यक है कि युवा नौकरी ढूँढने के लिए गाँव से शहर पलायन करने के बजाए गाँव में स्वरोजगार तथा स्वयं का उद्यम अपनाएं।
नाबार्ड जिला विकास प्रबन्धक ने एसएचजी महिलाओं में कौशल विकास हेतु नाबार्ड द्वारा चलाये जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम की योजनाओं जैसे एमईडीपी, एलईडीपी आदि का वर्णन किया। नाबार्ड अल्पावधि फ़सली ऋण तथा दीर्घावधि निवेश ऋण आदि सभी प्रकार के कृषि ऋणों हेतु जिला सहकारी बैंक तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों आदि को वाज़िब दरों पर पुनर्वित ऋण उपलब्ध करता है जिसके उपयोग से बैंक अपने ग्राहकों को कृषि ऋण दे सकें। नई तकनीकों को अपनाने, वित्तीय समावेशन तथा वित्तीय साक्षरता हेतु विभिन्न प्रोत्साहन योजनाओं से जिला सहकारी बैंक तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को अनुदान सहायता उपलब्ध कराई जाती है। भारत सरकार की 10 हजार एफ़पीओ परियोजना के अंतर्गत जिले में सात एफ़पीओ का गठन एवं संवर्धन नाबार्ड के तत्वाधान में हो रहा है।
नाबार्ड द्वारा राज्य के कई जिलों में वाटरशेड विकास कार्यक्रम तथा आदिवासियों हेतु वाडी विकास परियोजना किए गए हैं। सवाई माधोपुर तथा चौथ का बरवाड़ा ब्लॉक में नाबार्ड के वाडी विकास परियोजना में 900 किसानों के बगीचों में अमरूद नींबू आदि  के 55 पौधे, सब्जी दाल आदि के बीज दिये गए थे तथा पाइपलाइन, सीमेंट पोल इत्यादि हेतु सहयोग प्रदान किया गया था। 100 भूमिहीन कृषि श्रमिकों को बकरी, भैंस, दुकान हेतु वित्तीय सहयोग मिला था।
नाबार्ड आरआईडीएफ़ ऋण के माध्यम से राज्य सरकार को इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं हेतु बैंक रेट से डेढ़ प्रतिशत कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराता है। राज्य में अब तक 38398 इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं 21000 करोड़ रुपए से अधिक के आरआईडीएफ़ ऋण से वित्तपोषित होकर पूर्ण हो चुकी हैं तथा साढ़े नौ हज़ार करोड़ रुपए से अधिक के आरआईडीएफ़ ऋण से 6000 से अधिक परियोजनाएं प्रगति में हैं। सवाई माधोपुर जिले में 296 करोड़ आरआईडीएफ़ ऋण से 680 परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं तथा 162 करोड़ रुपए आरआईडीएफ़ ऋण से 137 परियोजनाएं प्रगति में हैं। इनमें सड़क निर्माण या पुनरुद्धार तथा शिक्षा विभाग, चिकित्सा स्वास्थय विभाग, पशुपालन विभाग की भवन/कक्ष आदि निर्माण योजनाएँ शामिल हैं। लोहलाई डेह, मानसरोवर सिंचाई की नहर, भारजा नदी एनीकट, गंभीर नदी पर मैदी गाँव में एनिकट, आदि सिंचाई परियोजनाएं इनमें शामिल है।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि बीआरकेजीबी बैंक के क्षेत्रीय प्रबन्धक अजय कुमार दुग्गल ने किसानों को केसीसी की किश्त समय पर जमा करने से मिलने वाले 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान के फायदे बताए। उन्होनें कहा कि बैंक लोन समय पर चुकाने से कई बार बैंक ऋण लिए जा सकता है जिससे विभिन्न विभागों की सरकारी योजनाओं के लाभ लिए जा सकते हैं।
कार्यक्रम में बीआरकेजीबी के डिप्टी आरएम इकबाल उस्मानी, प्रबन्धक सत्यनारायण नामा, सुरेश गुप्ता आदि बैंकर उपस्थित थे। कार्यक्रम में जटवाड़ा कलाँ तथा चौथ का बरवाड़ा से कई किसानों ने भाग लिया तथा एफ़पीओ से जुड़े रामकल्याण, शैतान गुर्जर, देवराज सैनी, विनोद, महेंद्र सैनी, जितेंद्र पहड़वा, बाबूलाल, केदार गुर्जर, हरिभजन, रामप्रसाद, खुशिरम, तुलसीरम आदि ग्रामीण उपस्थित थे।


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