अंतरा सब क्यूटेनस लॉन्च कार्यक्रम एवं प्रशिक्षण आयोजित

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अंतरा सब क्यूटेनस लॉन्च कार्यक्रम एवं प्रशिक्षण आयोजित
प्रदेश में पहला सब क्यूटेनस इंजेक्शन जिले की महिला को लगाया गया

सवाई माधोपुर 29 नवम्बर। जिले में बुधवार को परिवार को नियोजित करने का नया साधन अंतरा सब क्यूटेनस लांच किया गया, साथ ही इसका जिला स्तरीय प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया। इस परिवार कल्याण साधन को महिलाओं के लिए लॉन्च किया गया है। प्रशिक्षण का आयोजन यूएनएफपीए व जपाइगो के संयुक्त तत्वावधान में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. धर्मसिंह मीना की अध्यक्षता में किया गया, उनके द्वारा सभी प्रतिभागियों को संबोधित किया गया।
प्रशिक्षण नेशनल प्रोग्राम ऑफिसर डॉ नदीम, स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर रोबिन शर्मा व जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुधींद्र शर्मा द्वारा दिया गया। उन्होने बताया कि (एमपीए -एससी) मेडरॉक्सी प्रोजेस्टेरोन असेटेट सब क्यूटेनस इंजेक्टेबल कॉन्ट्रासेप्टिव यानी अंतरा एस सी को नए परिवार कल्याण साधन के रूप में लाया गया है ताकि बास्केट ऑफ चॉइस प्रदान करते हुए परिवार कल्याण साधनों में अधिक विकल्प प्रदान किये जा सके। केंद्र सरकार द्वारा कैफेटेरिया अप्रोच मेथड को अपनाते हुये परिवार कल्याण के दो नए साधनों को लॉन्च किया गया है। पहला अंतरा एससी इंजेक्शन व सबडर्मल इम्प्लांट। प्रदेश में सवाई माधोपुर व जैसलमेर में अंतरा एससी व सबडर्मल इम्प्लांट को उदयपुर व जयपुर में लॉन्च किया जा रहा है। इससे पूर्व 2016 में अंतरा आईएम इंजेक्शन व छाया गोली को लॉन्च किया गया था।
प्रशिक्षण में इस सब क्यूटेनस अंतरा की महत्ता, मेकेनिज़्म, यूनिजेक्ट इंजेक्शन सिस्टम, इसके फायदे, प्रभाव, फायदे, लिमिटेशंस, चिकित्सकीय पात्रता, क्लाइंट असेसमेंट, काउंसलिंग, स्टोरेज, शुरुआत कब और कैसे की जाए, पैकेजिंग, डोज़, कहाँ लगाया जाए, इंजेक्शन को एक्टिवेट करना, इंजेक्शन के बाद देखभाल, फॉलो अप केयर, साइड इफ़ेक्ट का मैनेजमेंट, इंफेक्शन से बचाव की जानकारी प्रदान की गई। नेशनल गाइडलाइन, प्रेग्नेंसी स्क्रीनिंग चेकलिस्ट, प्री और पोस्ट टेस्ट, प्रेजेंटेशन व प्रेक्टिकल के माध्यम प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
इस अवसर पर अतिरिक्क्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ कैलाश सोनी, स्टेट फेमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक मैनेजर यूएनएफपीए सियाराम शर्मा, मनीष शर्मा फैमिली प्लानिंग प्रोग्राम मैनेजर, डिस्ट्रिक्ट एडवाइजर यूएनएफपीए आदित्य तोमर, आईपास इरशाद, डिस्ट्रिक्ट आईईसी कोऑर्डिनेटर प्रियंका दीक्षित व चयनित संस्थानों के चिकित्सक, एएनएम व नर्सिंग ऑफिसर मौजूद रहे।
उन्होने बताया कि अंतरा सब क्यूटेनस को लॉन्च करने के लिए पूरे देश मे 10 जिलों का चयन किया गया है। जिसमे राजस्थान में 2 जिलों सवाई माधोपुर और जैसलमेर का चयन किया गया है। बुधवार को पूरे प्रदेश में सबसे पहले सवाई माधोपुर में इसे लांच किया गया। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सवाई माधोपुर जिले में जिला अस्पताल, कुंडेरा सीएचसी व इसके अंतर्गत आने वाले रईथाकलां सब सेंटर व श्यामपुरा पीएचसी व इनके अंतर्गत आने वाले ओलवाड़ा सब सेंटर का चयन किया गया है।
उन्होने बताया कि इस अंतरा को भी हर तीन महीने में ही लगाया जाएगा, और यह पहले वाले अंतरा इंजेक्शन (एमपीए- आईएम) जितना ही कारगर है। अंतरा आईएम की एक एमएल की डोज दी जाती है वहीं अंतरा एससी की डोज 0.65 एमएल दी जाएगी। अगर कोई महिला पहले से पुराने वाले अंतरा (एमपीए- आईएम) को लगवा रही है तो वो चाहे तो इस नए वाले अंतरा (एमपीए- एससी) को लगवाना शुरू कर सकती है।
अंतरा लगवाने वाली महिला के इंजेक्शन लगवाने के बाद यह तीन माह तक प्रभावी रहता है। अगली डोज़ हर तीन माह बाद लगवानी होती है, इंजेक्शन लगने के बाद उसे मालिश ना की जाए ना ही गर्म पानी से सेक किया जाए। अंतरा लगवाने से स्तनपान पर कोई फर्क नही पड़ता है, न ही दूध की मात्रा पर न ही क्वालिटी पर इससे भविष्य में गर्भवती होने में कोई परेशानी नही आती है, जब भी कोई महिला गर्भवती होना चाहे वो अंतरा लगवाना बंद कर सकती है बंद करने के कुछ माह बाद महिला गर्भवती हो सकती है।
जिले की नरी मीना एएनएम रईथा कलां पूरे राजस्थान में अंतरा सब क्यूटेनस लगवाने वाली पहली महिला बनी। उन्होंने स्वयं आगे आकर इंजेक्शन लगवाने की मंशा जाहिर की, उन्हें प्रशिक्षण उपरांत इंजेक्शन डॉ अमृत लाल मीना द्वारा लगाया गया।
इसके साथ ही सभी प्रशिक्षणार्थियों को जानकारी दी गयी कि किस प्रकार इंजेक्शन लगवाने आई महिला की काउंसलिंग की जाए, महिला की निजता का खयाल, सामान्य जानकारी, इंजेक्शन किस प्रकार से कार्य करता है, साफ सफाई, एमपीए कार्ड को संभाल कर रखना, महिला के सभी सवालों का जवाब दिया जाए।
इस परिवार कल्याण साधन को रोजाना लेने के लिए याद रखने की आवश्यकता नही है ये एक इंजेक्शन है जिले हर तीन महीने में लगवाना होता है। इससे पीरियड में होने वाला दर्द कम होता है, अनीमिया में कमी आती है, इंट्रोमेट्रियल व ओवेरियन केंसर में कमी, फायब्रॉयड्स में कमी, पेल्विक इन्फ्लामेट्री डिसीस में कमी आती है।


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