5 साल में बढ़ी प्रधानों की संपत्तियों की होगी जांच खंगाली जाएगी कुंडली


5 साल में बढ़ी प्रधानों की संपत्तियों की होगी जांच खंगाली जाएगी कुंडली

नेताओं अफसरों के बाद अब प्रधानों की बारी, पाई-पाई का होगा हिसाब

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश सरकार ग्राम प्रधानों की बढ़ रही अमीरी से परेशान है। नेताओं और अफसरों के बाद अब प्रधानों की बारी है। उन्होंने बीते पांच सालों में कितनी सम्पत्ति बनाई। प्रधान बनने से पहले प्रधान किस गाड़ी से चलते थे और उनके पास कितने खेत थे और अब किस गाड़ी से चल रहे हैं। उनके पास कितने खेतों का इजाफा हो गया है। मनरेगा में प्रधान की भूमिका क्या थी, खाद्य वितरण में क्या भूमिका होती है। ये सारे पहलू जांच के दायरे में होंगे। प्रधानों ने अगर अपने कार्यकाल में आए से अधिक संपत्ति जुटाई है तो अब उनकी गर्दन फसना तय है। जांच में आय से अधिक संपत्ति का मामला सामने आया तो संबंधित प्रधानों के खिलाफ कार्यवाही होना तय है।
ग्राम प्रधानी के चुनाव के पहले हो जाएगी जांच
ग्राम पंचायत में विकास कार्य संचालित हो रहे हैं इन विकास कार्यों को संचालित कराने में प्रधानों पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगाते रहे हैं आरोप तो यहां तक है कि प्रधानों ने विकास कार्य के लिए आने वाले धन से लग्जरी वाहन,भवन व भूमि खरीद ली है। यह शिकायत शासन तक पहुंची है इसको लेकर शासन ने सख्त निर्देश दिया है कि अब पूरे प्रदेश में प्रधानों की जांच होगी।प्रधानी के दम पर गांव वालों पर गब्बर सिंह जैसा दबदबा जमाने वाले प्रधान अब संकट में पड़ने वाले हैं।आगामी पंचायत चुनाव से पहले प्रधानों की सम्पत्तियों की जांच की दौलत में कितना और कैसे इजाफा हुआ है इसकी जांच की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को इस बाबत दिशा निर्देश जारी किए गए हैं और अब गाईड लाईन से यूपी में जांच की जाएगी।
पांच साल में योजनाओं का क्या किया
राज्य सरकार इस बात की पड़ताल करेंगी कि बीते पांच साल में सरकार की योजनाओं पर कितना ग्रामीण स्तर पर हुआ। ग्राम प्रधानों ने इस पर क्या कार्रवाई की। केन्द्र और प्रदेश सरकार से पंचायतों को मिलने वाली धनराशि कहां गई। सरकार की योजनाओं की जमीनी हकीकत क्या है। राज्य सरकार केन्द्रीय गाइड लाइन के आधार पर इसके लिए हर जिले में टास्क फोर्स के गठन के लिए प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
पैसे का कितना हुआ उपयोग
गांव में केन्द्रीय और राज्य सरकार की योजनाएं चलती है। अब देखा यह जाएगा केंद्र और राज्य सरकारों की विभिन्न योजनाओं में पंचायतों को कितनी धनराशि मिली। उसका कितना उपयोग किया गया। जो उपयोग हुआ वह कागजों में हुआ या वास्तव मे
खंगाला जाएगा इतिहास होगा हिसाब
राज्य सरकार प्रधानों की आर्थिक स्थिति की जांच भी कराएगी। प्रधानी जीतने से पहले प्रधान की आर्थिक स्थिति क्या थी और आय का स्रोत क्या था। पांच साल में प्रधानों के पास क्या क्या संसाधन आए और उसका जरिया क्या था, प्रधानों के व्यक्तिगत खातों से पहले कितनी जमा निकासी थी और प्रधान बनने के बाद अब तक क्या रही। प्रधान बनने के बाद क्या लग्जरी गाड़ी और जमीन की खरीदारी हुई । इन सारे बिन्दुओं पर जांच की जाएगी। प्रधानी के बूते ठसक जमाने वाले प्रधानों के लिए अब मुश्किलें खड़ी होने जा रही हैं।आगामी पंचायत चुनाव से पहले प्रधानों की संपत्तियों की जांच की कवायद शुरू होने जा रही है।


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