गर्भवतियों एवं बच्चों को पिलाई आयरन की खुराक

Support us By Sharing

गर्भवतियों एवं बच्चों को पिलाई आयरन की खुराक

सवाई माधेापुर, 5 सितम्बर। एनीमिया मुक्त राजस्थान कार्यक्रम के तहत बच्चों, किशोर-किशोरियों, प्रजनन उम्र की महिलाओं, गर्भवती महिलाओं तथा धात्री माताओं में अनीमिया की दर कम करने के लिए प्रत्येक मंगलवार को शक्ति दिवस के रूप आयोजित किया जा रहा है इसी क्रम में मंगलवार को जिले के सभी चिकित्सा संस्थानों व आंगनवाडी केंद्रों पर शक्ति दिवस का आयोजन किया गया। जिले के सभी जिला चिकित्सालयों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, हैल्थ वेलनेस सेंटर पर नियमित ओपीडी के अलावा मरीजों के हिमोग्लोबीन की जांच और उपचार किया गया।
सभी महिलाओं, गर्भवतियों, धात्री माताओं, किशोरियों को शक्ति दिवस के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया  कि शक्ति दिवस का मुख्य उदे्श्य समुदाय व लाभार्थियों में अनीमिया नियंत्रण के लिए स्क्रीनिंग, हिमोग्लोबीन की जांच, उपचार तथा एनीमिया के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। आयरन स्वास्थ्य के लिए किस प्रकार आवश्यक है और इसकी कमी होने से किस प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं। कार्यक्रम में महिलाओं, गर्भवतियों, धात्री माताओं, किशोरियों का हीमोग्लोबिन जांच कर आयरन की दवाएं दी गई।जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों द्वारा सत्रों का निरीक्षण किया, दवाओं की उपलब्धता की जांच, सभी आयुवर्गों की उपस्थिति की जांच की। साथ ही आवश्यक दिशा निर्देश भी दिये।
पोषण माह के तहत दी जानकारी:- सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मनाया आज रहा है।अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं तथा पांच साल से कम उम्र के बच्चों के साथ संपर्क स्थापित कर उनका बेहतर स्वास्थ्य एवं पोषण सुनिश्चित किया जा रहा है।
इस वर्ष राष्ट्रीय पोषण माह की थीम सुपोषित भारत, साक्षर भारत, सशक्त भारत रखी गई है। अभियान के दौरान माताओं और बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु संचालित कार्यक्रमों को सुदृढ करने के लिए कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा बच्चों को जन्म के तुरंत बाद से 6 माह तक स्तनपान कराने, आयु अनुसार संपूरक आहार देने पर भी जोर रहेगा। साथ ही एनिमिया की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे एनिमिया मुक्त राजस्थान कार्यक्रम व शक्ति दिवस के दौरान टेस्ट, ट्रीट और टॉक की रणनीति पर कार्य किया जा रहा है।
चिकित्सा संस्थानों व स्कूलों में दी खुराक:- 6 माह से 59 माह तक के बच्चों, 5 से 9 वर्ष तक के स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों, 10 से 19 वर्ष की स्कूल नहीं जाने वाली किशोरी बालिकाओं, 20 से 24 वर्ष की विवाहित महिलाओं, गर्भवती महिलाओं एवं धात्री महिलाओं को  गोली खिलाई गयी। स्कूलों में बच्चो को भी आयरन की खुराक दी गयी।
चिकित्सा संस्थानों पर एएनएम द्वारा समस्त लक्षित लाभार्थियों की एनीमिया की स्क्रीनिंग की गई, महिलाओं एवम् बच्चों को थकान, भूख ना लगना, नाखूनों का सफेद होना, जीभ पर सफेद परत का होना जैसे कुछ सामान्य लक्षणों के आधार पर तथा एनीमिक पाए गए लोगों को दवा वितरित की गई। साथ ही एनीमिक पाई गई महिलाओं, बच्चों का उपचार कराने के लिए लगातार फॉलोअप किया जाएगा। साथ ही सभी को भोजन की अच्छी आदतों को अपनाने, पोषक तत्वों युक्त भोजन करने, हरी सब्जियों, फलों, आयरन युक्त खाघ पदार्थों का सेवन करने की संबंधी जानकारी दी गई।


Support us By Sharing

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *