बल्दरखां में जयमल राठौड़ की मूर्ति का हुआ अनवारण


राजपूत समाज तलवार की जगह अब कलम को अपनी ताकत बनाए- राजऋषि समता राम

शाहपुा जिले के बल्दरखा ग्राम में रविवार को वीर शिरोमणि जयमलजी राठौड़ की मूर्ति का अनावरण समारोह पूर्वक जयकारों की बीच आयोजित हुआ। प्रोग्राम में आस पास से लगभग 5000 राजपूत भाई इक्कटे हुए। विधानसभा चुनाव से पहले राजपूत समाज ने एकता का अनुठा संदेश दिया।
राजऋषि रामस्नेही संत समतारामजी महाराज एवं संत बालकदासजी महाराज के सानिध्य में आयोजित इस विशाल कार्यक्रम की अध्यक्ष बनेड़ा राजपरिवार के मुखिया व बनेड़ा भाजपा अध्यक्ष गोपाल चरण सिंह सिसोदिया ने की। बतौर अतिथि के पंजाब के पूर्व राज्यपाल वीपी सिंह बदनोर, खो खो संघ के उपाध्यक्ष भंवरसिंह पलाड़ा, क्षत्रिय युवक संघ के केन्द्रिय कार्यकारिणी सदस्य रेवंतसिंह पाटोदा, प्रधुमन सिंह बड़लियास, कुंदन सिंह कच्छर, मोती सिंह जोधा, अविजित सिंह बदनोर मौजूद रहे।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राजऋषि समता राम महाराज ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि एक समय था जब राजपुत को अपना क्षत्रिय धर्म निभाने के लिए तलवार को चलाना पड़ता था। आज का युग शिक्षा का युग है। इस युग में तलवार की जगह कलम उठाने की जरुरत है। जो काम तलवार नहीं कर सकती वो कलम कर सकती है। समाज के लोगों को जागरूक होकर तलवार की जगह कलम को अपनी ताकत बनानी चाहिए। क्षत्रिय शुरुआत से ही 36 कौम को साथ लेकर चलने वाला समाज रहा है, इसलिए राजनैतिक उलजनो के चक्कर में नहीं पड़ते हुए छुआछुत, जातिवाद जैसे मुद्दों से ऊपर उठकर सभी को गले लगाना चाहिए। सभी को सम्मान की दृष्टि से देखें। एकता बनाए रखने में एक दुसरे को साथ लेकर चलने की जरूरत है।
पूर्व राज्यपाल वीपी सिंह ने वीरवर जयमल मेड़तिया के आदर्श आत्मसात करने का आव्हान करते हुए कहा कि आज क्षत्रिय समाज को सामाजिक समरसता का संदेश देते हुए राजनीतिक स्तर पर अपने प्रदर्शन के लिए आगे आना होगा। युवाओं को संगठित होकर सामाजिक एकता के लिए काम करते रहने और सतत गतिशील रहने को प्रेरित किया।
समाजसेवी मोतीसिंह जोधा ने वीरवर जयमलजी मेड़तिया की जीवनी के बारे में विस्तार से बताते हुए क्षत्रिय समाज को देश धर्म की रक्षा के लिए हमेशा आगे रहने के लिए आव्हान किया। जोधा ने कहा कि प्रत्येक क्षत्रिय के दिल में त्याग बलिदान शौर्य, स्नेह अपनापन की भावना भी हमेशा होनी चाहिए।
अजमेर के भंवर सिंह पलाड़ा ने कहा वर्तमान समय में समाज में एकता जरूरी है। भीलवाड़ा लोकसभा क्षैत्र के सात विधानसभाओ में चार राजपुत विधायक हुआ करते थे। आज एक भी नहीं है। कारण हमारी एकता में कही न कही कमी रही। इसे सुधार करने जरूरत है। चाहे कोई भी राजनीतिक पार्टी से हमारे प्रतिनिधि को मौका मिले उसे जीताना चाहिए। आज टांग खींचने का समय नहीं रहा बल्कि हाथ खींचने का समय है।
गोपाल चरण सिंह सिसोदिया ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए युवाओं को क्षत्रिय समाज के हित में आगे नित-नए आयाम स्थापित करने को प्रेरित किया। कार्यक्रम का संचालन जयराज सिंह राठौड़ ने किया। आयोजन समिति से अजयसिंह, प्रदीप सिंह, नंद सिंह, पुष्पेन्द्र सिंह, कुलदीप सिंह, शिवराज सिंह, महिपाल सिंह, देवेंद्र सिंह, मोंटू सिंह, प्रदीप सिंह, ऋषि सिंह, राहुल सिं, दुर्गेश सिंह, बिट्टू बन्ना आदि मोजूद थे। इससे पूर्व सभी अतिथियों का जेसीबी का तोरणद्वार बनाकर फुलों की बरसात कर ढोलनगाड़ों के साथ आयोजन समिति के कार्यकर्ताओं के द्वारा महंगे मेहमानों का स्वागत किया। इस अवसर पर शाहपुरा- भीलवाड़ा जिले के सभी ठिकाने से राजपुत समाज के पुरुष महिलाएं,एवं बच्चे उपस्थित रहे।


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