राज्य में श्रमण संस्कृति बोर्ड का गठन करे सरकार
जयपुर |श्रमण डॉ पुष्पेन्द्र ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर आग्रह किया कि राज्य में जिस प्रकार से सर्व समाज के कल्याण हेतु विभिन्न बोर्डों का गठन किया जा रहा है ठीक उसी प्रकार जैन समाज के कल्याण एवं उत्थान हेतु “श्रमण संस्कृति बोर्ड” का गठन हों ताकि जैन संस्कृति का अधिक प्रचार-प्रसार हो सकें।
उन्होंने कहा कि आपके साढ़े चार वर्षीय कार्यकाल दौरान राजस्थान राज्य ने विभिन्न क्षेत्रों में काफी प्रगति की है तथा आपनें जन मानस को सरकारी सुविधाओं का अधिक से अधिक लाभ दिलानें हेतु प्रयासरत रहे है। विगत तीन- चार माह से आपने राजस्थान के सर्वांगीण विकास के लिए कल्याणकारी योजनाएँ का आपने अंबार लगा जन मानस के दिल पर गहरी छाप छोड़ी जो तारीफ करने योग्य है।
राजस्थान प्रवर्तक डॉ.राजेन्द्र मुनि ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा था कि आप माँगते माँगते थक जाएँगे, पर में देते देते नहीं थकूँगा, उसी के आधार पर राजस्थान राज्य के अल्पसंख्यक वर्ग का जैन समुदाय पिछले चार वर्षों से उचित माँग कर रहा है कि राज्य में “श्रमण संस्कृति बोर्ड स्थापित किया जाए। जिसके अंतर्गत जैन समुदाय अपनी मूलभूत समस्याओं व अपने सिद्धांतों की पुरजोर रक्षा-सुरक्षा कर सके। राजस्थान के सर्वांगीण विकास के लिए राज्य का जैन समाज सदैव तत्पर रहा व सदैव रहेगा।
साहित्य दिवाकर डॉ.सुरेन्द्र मुनी भारत के संविधान में अल्पसंख्यकों के लिए पृथक से संवैधानिक प्रावधान है जिसके अन्तर्गत प्रदेश सरकार का यह दायित्व है कि वह अल्पसंख्यक समाज के सामाजिक, धार्मिक स्थलों, शैक्षिक एवं उनके अधिकारों की सुरक्षा संरक्षण प्रदान करने हेतु समुचित व्यवस्था करें। धार्मिक स्थलों, संस्थाओं, मंदिरों तीर्थक्षेत्रों एवं ट्रस्टों का सरकारीकरण या अधिग्रहण आदि नहीं किया जा सकेगा एवं धार्मिक स्थलों के समुचित विकास एवं सुरक्षा के व्यापक प्रबंध शासन द्वारा किये जायेंगे। मंदिरों, तीर्थ स्थलों, शैक्षणिक संस्थाओं आदि के प्रबंधन का उत्तरदायित्व समुदाय के हाथ में रहेगा।
जैन समुदाय के समाज श्रेष्ठीयो का मानना है की समुचे देश एवं प्रदेश में अतिप्राचीन धार्मिक धरोहरों एवं तीर्थ स्थलों को विनष्ट करने के कुप्रयास निरन्तर हो रहे है। जैन धर्म की धरोहरों पर अनैतिक एवं अवैध तरीके से अवैध कब्जे,अतिक्रमण हो रहे हैं। इतना ही नहीं जैन श्रमण संस्कृति पर कुठाराघात हो रहा है।जैन संतों पर आए दिन उपसर्ग हो रहे हैं। जैन संतों की चर्या यथा विहार और निहार में काफी परेशानियां सामने आ रही है। जैन धर्म की श्रमण संस्कृति, धार्मिक सम्पदाओं / धरोहरों यथा जैन तीर्थ, प्राचीन मंदिरों की सुरक्षा के संबंध में उचित व्यवस्था किया जाना प्रत्येक लोक कल्याणकारी सरकार का दायित्व है। साथ ही समुदाय के सर्वांगीण विकास हेतु अन्य आवश्यक व्यवस्था किया जाना आवश्यक है। इन सभी की सुरक्षा,संरक्षण एवं संवर्द्धन,जैन समुदाय की संस्कृति, धार्मिक सम्पतियों की सुरक्षा,संरक्षण, जैन आचार्यों ,संतों की सुरक्षा एवं चर्या के संरक्षण हेतु हेतु राज्य में श्रमण संस्कृति बोर्ड का गठन हों ताकि वह बोर्ड बारीकी से उपरोक्त गतिविधियों पर नजर रखें।

Awaaz Aapki News is an online publication, which comes under Gangapur Hulchal (weekly newspaper). aawazaapki.com provides information about more and more news.