जन औषधि सेवा भी, रोजगार भी – दिव्यांशु शर्मा


सवाई माधोपुर 5 मार्च। जन औषधि पीड़ित मानवता की सेवा के साथ ही रोजगार का सशक्त माध्यम भी है। यह कहना है भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के अधीन औषध विभाग द्वारा संचालित फार्मास्यूटिकल्स मेडिकल एंड डिवासेस ब्यूरो ऑफ़ इंडिया (पीएमबीआई) के सीनियर मार्केटिंग ऑफिसर व स्टेट नोडल हेड दिव्यांशु शर्मा का। वे बुधवार को यहाँ घुडासी रोड स्थित सौरभ इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मेसी में आयोजित सेमिनार में फार्मासिस्ट छात्र छात्राओं को मुख्य वक्ता बतौर संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने युवाओं को सलाह दी कि डिप्लोमा हांसिल करने के बाद सरकारी नौकरी के लिए समय बर्बाद करने के बजाय जन औषधि केंद्र खोलने के लिए आगे आना चाहिए ताकि देश व समाज की सेवा के साथ साथ रोजगार भी उपलब्ध हो सके। इसके लिए भारत सरकार नए केंद्र खोलने पर विशेष श्रेणी के आवेदकों को दो लाख की सहायता मुहैया कराती है। साथ ही दवाओं की ख़रीद व स्टॉक पर इंसेंटिव भी दिया जाता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में देश भर में पंद्रह हज़ार से ज़्यादा जन औषधि केंद्र खुल चुके हैं। जिनको बढ़ाकर पच्चीस हज़ार करने की दिशा में तेजी से काम चल रहा है। प्रदेश में अभी 480 जन औषधि केंद्र कार्यरत है। जिनकी संख्या पाँच सौ के पार होने वाली है।
सवाई माधोपुर जिले में 11 व अकेले सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय पर पाँच केंद्र संचालित हैं। जिनसे रोज़ाना सैकड़ों लोग सस्ती दर पर ब्रांडेड क्वालिटी की दवाएं खरीदकर कर धन की बचत कर रहे हैं। सेमिनार में प्रोजेक्टर के माध्यम से जन औषधि के बढ़ते आयामों की जानकारी दी गई।
भारत सरकार की ओर से देश भर में मनाए जा रहे जन औषधि सप्ताह के पांचवें दिन आयोजित फ़ार्मासिस्ट जागरूकता संगोष्ठी में कॉलेज के प्राचार्य डॉ भंवरलाल गुर्जर, फार्मेसी प्रिंसिपल धीरज बंशीवाल आदि उपस्थित थे। सेमिनार में करीब साठ छात्र छात्राओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन केंद्र संचालक चंदू शर्मा ने किया। इस मौके पर एसएमओ ने प्रिंसिपल को स्मृति चिन्ह भेंट किया।


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