जेके सीमेंट फैक्ट्री से बढ़ रहा प्रदूषण फसले हो रहीं बर्बाद


लोग सांस दमा टीवी जैसी घातक बीमारियों के हो रहे शिकार, उड़ रहे डस्ट से लोगों का जीना हुआ हराम पलायन को मजबूर

एनजीटी को नहीं दिख रहा जेके सीमेंट फैक्ट्री का प्रदूषण, क्षेत्र के लोग घुट घुट कर जीवन यापन करने को मजबूर

किसानों के नहीं थम रहे खून भरे आंसू बयां कर रहे दर्द भरी दास्तां

प्रयागराज। जनपद के यमुनानगर शंकरगढ़ क्षेत्र स्थित जेके सीमेंट फैक्ट्री से होने वाले प्रदूषण से आसपास की भूमि तो बंजर हो रही है साथ में लोगों के सेहत पर भारी असर पड़ रहा है। पीड़ित किसानों ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि फैक्ट्री से हर दिन कितना प्रदूषण हो रहा है और इसे रोकने के लिए कौन-कौन से पुख्ता इंतजाम किए गए हैं इसका कोई भी रिकॉर्ड नहीं है। सीमेंट फैक्ट्री से निकलने वाली धूल से प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है फैक्ट्री के आसपास रहने वाले ग्रामीण बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं साथ ही किसानों की फसल तबाही की कगार पर है। फैक्ट्री की सीमेंट के कण और धूल की परत आसपास के खेतों में जम जाती है इससे फसलें बर्बाद हो रही हैं। मगर कंपनी प्रबंधन एनजीटी के नियमों का पालन नहीं कर रहा है। दरअसल फ्लाई ऐश की बढ़ती मात्रा भूमि उपयोग स्वास्थ्य और पर्यावरणीय खतरे के रूप में सामने आ रही है। डंपिंग साइट पर पानी का नियमित छिड़काव जहां इसे हवा में फैलने से रोकना जरूरी है वहीं दूसरी ओर इस पानी को भूगर्भ जल में जाने से रोकना भी बड़ी चुनौती है। क्योंकि फ्लाई ऐश में मौजूद घटक पानी को विषैला बना देते हैं। बढ़ते वायु प्रदूषण से पेड़ पौधों की हरियाली खत्म हो रही है उड़ती धूल के कण एवं प्रदूषण की मार झेल रहे पेड़ पौधों की स्थिति बद से बदतर हो रही है।बता दें कि कंपनी के प्रदूषण से शिवराजपुर, बेनीपुर, लखनपुर, गाढ़ा कटरा, हड़ही, गुलरहाई, लेदर, आमगोंदर, बिहरिया, जनवा आदि दर्जनों गांव प्रभावित हैं। जहां क्षेत्र के लोग घुट घुट कर जीवन यापन करने को मजबूर हैं।


WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now