पत्रकार राघवेन्द्र वाजपेई के हत्याकांड के विरोध में शंकरगढ़ के पत्रकारों ने थाना प्रभारी को सौंपा ज्ञापन


सूबे की सरकार से पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा एवं किया कठोर कार्यवाही की मांग

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। सीतापुर जिले के पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की निर्मम हत्या ने शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। इस घटना के विरोध में क्रांतिकारी पत्रकार परिषद के क्रांतिकारी पत्रकारों व अन्य पत्रकारों के द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन थाना प्रभारी शंकरगढ़ को सौंपते हुए हत्या की निष्पक्ष जांच और पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। पत्रकारों ने कहा कि प्रदेश में लगातार हो रही पत्रकारों की हत्याएं यह साबित कर रही हैं कि सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और पत्रकार सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है।राघवेंद्र बाजपेई की हत्या कोई सामान्य घटना नहीं है, बल्कि यह एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा लग रही है। सवाल यह उठता है कि अगर पत्रकार ही सुरक्षित नहीं रहेंगे तो आम जनता का क्या होगा।क्रांतिकारी पत्रकार परिषद के संस्थापक अनिल दुबे आज़ाद के निर्देश पर संगठन के प्रयागराज जिला प्रभारी रिवेदर सिंह ने अपने पदाधिकारियों के साथ प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि हर बार हत्या के बाद ही सरकार जागती है, लेकिन जब तक ठोस सुरक्षा नीति नहीं बनाई जाती, तब तक ऐसी घटनाओं को रोक पाना असंभव होगा। अपराधियों को संरक्षण देने वाली व्यवस्था के कारण ही अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और वे बेखौफ होकर सच्चाई की आवाज दबाने का काम कर रहे हैं।पत्रकार संगठन ने मांग की कि हत्यारों को जल्द गिरफ्तार कर कठोर दंड दिया जाए। मृतक पत्रकार के परिवार को सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जाए, ताकि उनके आश्रितों का जीवन सुरक्षित हो सके। पत्रकारों की सुरक्षा के लिए विशेष कानून बनाया जाए, ताकि वे बिना किसी डर के अपने कर्तव्य का निर्वहन कर सकें। पत्रकारों के हितों की रक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार तत्काल एक स्वतंत्र मीडिया आयोग का गठन करे।पत्रकार संगठन ने इस बात पर जोर दिया कि यदि सरकार ने जल्द ठोस कदम नहीं उठाए, तो प्रदेश के पत्रकारों को एकजुट होकर बड़ा आंदोलन करना पड़ेगा। पत्रकारों की सुरक्षा सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि लोकतंत्र की मजबूती का भी सवाल है। अगर सरकार वाकई सच की आवाज का सम्मान करती है, तो उसे पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतंत्रता को प्राथमिकता देनी होगी।ज्ञापन सौंपने वालों में राजदेव द्विवेदी, सोनू भटनागर, लवलेश द्विवेदी, इंद्रजीत मिश्र, शिवम् शुक्ला, रंजन मिश्रा समेत शंकरगढ़ के कई सदस्य उपस्थित रहे। पत्रकारों ने स्पष्ट किया कि अगर उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो वे प्रदेशव्यापी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।


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