स्वच्छ भारत मिशन को मुंह चिढ़ाती जूही भगदवां देसी शराब की दुकान


मधुशाला के आसपास का मैदान बना कचरा घर लगा गंदगी का अंबार

गंदगी से फैल रहा प्रदूषण ग्रामीणों का हाल बेहाल जीना दुश्वार

प्रयागराज। आबकारी विभाग की मेहरबानी कहें या फिर बेवसी कहें क्षेत्र के अधिकतर शराब ठेकेदार खुले आम आबकारी विभाग के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। विभाग की उदासीनता के कारण जहां शराब की दुकानें हैं वहां आसपास रहने वालों का जीवन नर्क सा होते जा रहा है। जहां चाहे वहां लोग बैठकर शराब पी रहे हैं और प्लास्टिक पाउच का प्रदूषण फैला रहे हैं।क्षेत्र में संचालित शराब की दुकान के आसपास का मैदान कचरा घर बन गया है। यहां प्रतिदिन नशेड़ी खुलेआम शराब पीकर हुड़दंग करते नजर आते हैं जिस पर रोक लगाने वाला या कार्रवाई करने वाला कोई नहीं है। मामले में संबंधित आबकारी व पुलिस विभाग उदासीन बना हुआ है। इससे आसपास क्षेत्र का माहौल अशांत होते जा रहा है। ज्ञात हो कि क्षेत्र के जूही भगदवां गांव के बीच में स्थित देशी शराब की दुकान संचालित हो रही है।यहां शराब लेने के बाद शराबी दुकान के बाहर ही शराब पीते रहते हैं। पीने के बाद वे गाली-गलौच के साथ गंदी हरकतें करते हैं। जहां देखो वहां नजर आता है टूटा हुआ कांच का बोतल,और पाउच। मधुशाला के आसपास चल रहे चखना के दुकान से शराबी पानी पाउच, डिस्पोजल व अन्य खाद्य सामग्री लेते हैं और दुकान के बाहर मैदान में ही बैठकर पीते हैैं। जहां बैठकर पीते हैं वहीं लोग बोतल, प्लॉस्टिक डिस्पोजल सहित अन्य कचड़ा मैदान में फैला कर चलते बनते हैं। इससे मैदान के साथ आसपास का इलाका कचड़ा से प्रदूषित हो रहा है कार्रवाई नहीं होने के कारण शराबियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। क्षेत्र के आसपास की महिलाओं के लिए शराब की दुकानें मुसीबत बन गई है। दुकानों के पास शराब पीने के बाद शराबी गाली-गलौच के साथ हुड़दंग करते दिखते हैं। शराबियों की इन हरकतों से आसपास के लोग परेशान हैं। शराब पीने के बाद खाली बोतल, डिस्पोजल, झिल्लियां खेत में फेंक देते हैं जिससे उन्हें सफाई करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ रही है। इस माहौल से खासकर महिलाओं को अधिक परेशानी हो रही है।टूटी कांच की बोतलों से हर पल खतरा बना रहता है। शराबी पीने के बाद खाली बोतलों को सामने के प्लाट खेत में फोड़ कर फेंक दे रहे हैं।टूटे कांच के टुकड़ों से लोगों को चोट लगने का खतरा बना हुआ रहता है। जब दुकानें संचालित हो रही हैं तो नियमानुसार कचड़ा पेटी रखना जरूरी होता है जिससे लोग एक जगह कचड़ा फेकें।पर यहां पूरी लापरवाही दिख रही है।अधिकारियों की उदासीनता से शराबियों की हरकतें दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। जब अन्य दुकानदारों पर कचड़ा फैलाने पर कार्रवाई की जाती है, तो शराब दुकान के मामले में भी वही कार्रवाई होनी चाहिए जिससे शराब पीने वालों को सबक मिले।


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