गंदगी से बजबजा रही कपारी गांव की गलियां,मगर रजिस्टर में लग रही हाजिरी


जिम्मेदार सफाई कर्मियों पर दिख रहे मेहरबान

प्रयागराज। जहां एक तरफ केंद्र की मोदी सरकार स्वच्छता अभियान पर जोर दे रही है दूसरी तरफ सफाई कर्मचारियों के प्रत्येक महीने वेतन दिए जाने के बाद गांव की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है।और उसके बाद सफाई कर्मचारियों पर अंकुश लगाने में जिम्मेदार पूरी तरह से असफल हो चुके हैं।गांव के लोग गंदगी से जूझ रहे हैं गलियों में गंदा पानी फैल रहा है कीचड़ गलियों में भरा है।लोगों को आने-जाने में दिक्कतों से जूझना पड़ता है लेकिन उसके बाद गांव की सफाई व्यवस्था करने का समय जिम्मेदारों के पास शायद नहीं है।सरकार और उनके सांसद ,विधायक, मंत्री स्वच्छता अभियान पर बड़े-बड़े भाषण दे रहे हैं। नेताओं अफसरो को जानना होगा कि भाषण देने से सफाई नहीं होगी सफाई करने के लिए सफाई कर्मचारियों की गांव में ड्यूटी लगानी होगी। जिन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई वह सफाई कर रहे हैं या घर में मौज मस्ती कर रहे हैं।अधिकारियों को यह देखना होगा लेकिन सफाई कर्मचारियों की मनमानी के आगे अफसरो में रोक लगाने की हिम्मत नही है। सूत्रों की मानें तो अफसर के नीचे बैठने वाले सफाई कर्मचारियों से हिस्सा वसूली में मस्त हैं जिससे काम न करने वाले सफाई कर्मचारियों पर कार्रवाई करने का साहस जिम्मेदार नहीं कर पा रहे हैं। इसका नतीजा यह है कि सफाई कर्मचारियों के गांव क्षेत्र में तैनाती होने के बाद गांव में गंदगी ब्याप्त है।हकीकत जानने के लिए जब शंकरगढ़ विकासखंड क्षेत्र के कपारी गांव में साफ सफाई की स्थिति देखी गई तो मालूम चला कि गांव में तैनात सफाई कर्मचारी केवल उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर करने आते हैं। जब गांव के लोग सफाई कर्मी को कहते हैं तो उनका कहना होता है की ब्लॉक के अफसरों ने ड्यूटी बाहर लगाई है। साफ सफाई व मच्छर रोधी दवा का छिड़काव न होने की वजह से भी गांव के लोग संक्रामक बीमारी की चपेट में हैं। इस बाबत जब एडीओ पंचायत शंकरगढ़ से जानकारी ली गई थी तो उन्होंने कहा कि मामले को जांच कर कार्यवाही की जाएगी और साफ सफाई व्यवस्था चुस्त दुरुस्त करवाई जाएगी।


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