खेडली मोड थाना प्रभारी लाइन हाजिर


हवालात से हथकडी सहित संदिग्ध आरोपी फरार

छौंकरवाडा कलां अचार व्यापारी गोलीकाण्ड

भरतपुर| जयपुर नेशनल हाइवे-21 स्थित भुसावर उपखण्ड क्षेत्र में खेडली मोड थाना से पुलिस को चकमा देकर गांव छौंकरवाडा कलां अचार व्यापारी गोलीकाण्ड में पकडा गया संदिग्ध आरोपी हाथों में हथकडी लगे फरार हो गया, जिससे पुलिस महकमे में भगदड मच गई और उक्त प्रकरण में लापवाही बरतने पर जिला पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने खेडली मोड थाना प्रभारी रामनिवास मीणा को लाइन हाजिर कर जांच कमेटी गठित कर दी। एसपी मृदुल कच्छावा ने बताया कि जयपुर नेशनल हाइवे-21 पर वाइक सवार अज्ञात तीन बदमाशो ने शनिवार-रविवार की रात गांव छौंकरवाडा कलां पर इसी गांव निवासी अचार विक्रेता देवनारायण जाटव पुत्र चरन जाटव के गोली मार दी, जिससे अचार विक्रेता घायल हो गया। उन्होने बताया कि इस प्रकरण में गांव पथैना निवासी सुरजीत सिंह को हिरासत में ले रखा था, जो संदिग्ध आरोपी था। जिससे थाना पर पूछताछ जारी थी। जो बुधवार को तडके अन्धेरा का लाभ उठाते हुए पुलिस को चकमा देकर हवालात से हथकडी लगे भाग गया। सूचना पर जिले में नाकाबन्दी कराई और संदिग्ध आरोपी के गांव पथैना सहित अनेक गांवों में दविश दी,लेकिन संदिग्ध आरोपी पकड में नही आया। उन्होने बताया कि उक्त प्रकरण में लापरवाही बरतने एवं पुलिस की नजर से फरार हुए संदिग्ध आरोपी को मद्देनजर रखते हुए थाना खेडली मोड के प्रभारी रामनिवास मीणा को लाइन हाजिर कर दिया है और जांच कमेटी गठित कर दी।

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– कहां जाऐगा भाग कर

लइन हाजिर हुए थाना प्रभारी रामनिवास मीणा से जब मिडिया के लोगों ने दूरभाष पर पूछा की क्या हवालात से आरोपी फरार हो गया है, इस पर थाना प्रभारी मीणा का जबाब था कि कहां जाऐगा आरोपी, उसे जल्द पकड लेंगे। पुलिस से भागा आरोपी कभी सुरक्षित बच नही सकता है। संदिग्ध आरोपी सुरजीत सिंह निवासी पथैना ने हवालात से भाग कर स्वयं को सिद्व कर दिया कि वह छौंकरवाडा कलां व्यापारी गोलीकाण्ड के अज्ञात आरोपी से मिला हुआ है।

थाना कू लग गई नजर

जयपुर नेशनल हाइवे स्थित खेडली मोड पर 9 अक्टूम्बर 2024 से पहले पुलिस चौकी थी, जो साल 1995 तक छौंकरवाडा कलां पर संचालित थी, जिसके बाद ये खेडली मोड पर संचालित कर दी। ये पुलिस चौकी 1995 से 2024 तक अवैध वसूली, दलाल और एसीबी कार्यवाही से बदनाम थी। कई बार पुलिसकर्मी रिश्वत लेते एसीबी तथा पुलिस विभाग के आलाधिकारियों ने रंगे हाथ पकडे और नगदी भी बरामद की थी। सरकार ने 9 अक्टूम्बर 2024 को खेडली मोड पुलिस चौकी को थाना का दर्जा देकर थाना प्रभारी महे मीणा को लगाया, जो कुछ दिन बाद ही एक दल के नेताओं की भेंट चढ गए और एसपी मृदुल कच्छावा ने उन्हें भी लाइन हाजिर कर रामनिवास मीणा को थाना प्रभारी लगाया। जो लाइन हाजिर हो गए, जब क्षेत्र के लोगों से पूछा गया कि ऐसा क्या है जो पुलिस चौकी थी, जब भी बदनाम थी, थाना बन गया तो भी बदनाम है। थाना के पास सचांलित एक दुकानदार ने बताया कि ये अवैध वसूली और दलालों के कारण बदनाम है। जब से ये थाना बना है, उसी दिन से नजर लग गई। कोई थाना प्रभारी एक साल तक नही रूका और कुछ पुलिसकर्मी क्षेत्र के नेताओं के आर्शीवाद से लम्बे समय तक रूके हुए है। जो भी नया थाना प्रभारी या पुलिसकर्मी आता है,उसके खिलाफ लम्बे समय से लगे पुलिसकर्मी क्षेत्र के नेताओं को भडका देते है।

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संत्री की गतिविधी संदिग्ध

थाना पर रात्रि को पहरे पर लगे संत्री की गतिविधी संदिग्ध लगती है, कहीं संदिग्ध आरोपी को फरार करने में इसका हाथ तो नही। पता चला है कि आरोपी जब फरार हुआ, तो संत्री उस समय लघुशंका करने गया बताया, इसकी भी जांच होगी। ये पुलिस महकमे सहित क्षेत्र के लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है।


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