किरोड़ीलाल मीणा ने ED ऑफिस में दी वैभव गहलोत की शिकायत, बोले- 3 दिन बाद करूंगा और बड़ा खुलासा
जयपुर। बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय में शिकायत दर्ज कराई है। दरअसल, किरोड़ी लाल मीणा जयपुर स्थित ईडी कार्यालय पहुंचे। ईडी कार्यालय में अधिकारियों से मुलाकात कर सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने होटल फेयरमाउंट में मॉरिशियस की शैल कंपनी के द्वारा करीब 100 करोड़ रुपए निवेश संबंधी मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर परिवाद सौंपा। ईडी अधिकारियों को परिवाद देने के बाद सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि वैभव गहलोत और फेयरमाउंट होटल के मालिक रतनकांत शर्मा के खिलाफ ईडी को सबूत दिए है।
सीएम के बेटे वैभव गहलोत और छोटे गहलोत के कारोबारी सहयोगी के रूप में वर्णित एक व्यक्ति के खिलाफ शिकायत धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कार्रवाई की मांग करती है। शिकायत में वैभव गहलोत की पत्नी सहित कई अन्य लोगों का भी नाम है, जिसमें राज्यसभा सांसद ने आरोप लगाया है कि मॉरीशस की एक शेल कंपनी मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल है।
सांसद समर्थकों के एक छोटे समूह के साथ यहां केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय पहुंचे और ईडी के संयुक्त निदेशक को 10 पन्नों की शिकायत सौंपी। मीणा ने दो होटल कारोबारियों का नाम लेते हुए आरोप लगाया कि वे कथित मनी लॉन्ड्रिंग घोटाले का हिस्सा हैं। बीजेपी नेता ने कहा कि शिकायत में प्रस्तुत “तथ्यों” के लिए ईडी द्वारा एक विस्तृत स्वतंत्र जांच की आवश्यकता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि वैभव गहलोत और अन्य द्वारा कर चोरी और ‘बेनामी’ लेनदेन किए गए। एक दिन पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीणा ने दावा किया कि जांच से पता चलेगा कि सीएम देश के सबसे अमीर राजनेता हैं। मुख्यमंत्री या उनके कार्यालय की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई।
मीणा ने गुरुवार को यह भी आरोप लगाया था कि सीएम के बेटे ने मॉरीशस की शेल कंपनी के जरिए जयपुर में एक होटल चलाने वाली हॉस्पिटैलिटी फर्म में 96.75 करोड़ रुपये का निवेश किया था। उन्होंने दावा किया कि शेल कंपनी का इस्तेमाल गहलोत परिवार के “काले धन” को सफेद करने के लिए किया जा रहा है।
मीणा ने संवाददाताओं से कहा था कि हॉस्पिटैलिटी फर्म और मॉरीशस कंपनी दोनों की स्थापना 2007 में हुई थी। उन्होंने यह भी दावा किया कि जयपुर होटल के निर्माण की स्वीकृति जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा 2009 में मुख्यमंत्री के रूप में कांग्रेस नेता के पहले कार्यकाल के दौरान दी गई थी।
उन्होंने उदयपुर और माउंट आबू में होटलों के निर्माण की अनुमति देने में अनियमितता का भी आरोप लगाया और दावा किया कि ये संपत्तियां गहलोत के करीबी लोगों की हैं। मीणा ने यह भी दावा किया कि लंदन के एक एनआरआई डॉक्टर, जो सीएम के करीबी हैं, ने शेल कंपनी में 100 करोड़ रुपये का निवेश किया।
पेनामा पेपर लीक में भी शामिल
किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि जिस कंपनी और जिस व्यक्ति का जिक्र किया है। वो पमाना पेपर लीक मामले से भी जुड़े है। फिलहाल उस व्यक्ति का नाम सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है क्योंकि उससे ईडी की विश्वसनियता भंग होती है। शिवनार होल्डिंग लिमिटेड जैसी कंपनियों के डील करने वाले सभी लोग पनामा पेपर लीक मामले से जुड़े हुए है। वैभव गहलोत भी इन कंपनियों से जुड़े हुए है।
महेश जोशी के सवाल पर जवाब
किरोड़ीलाल मीणा ने जलदाय मंत्री महेश जोशी के आरोपों का जवाब दिया। मीणा ने कहा कि पर्याप्त सबूत है तभी बाबूलाल कटारा को ईडी ने गिरफ्तार किया है। RPSC में घुस गई। चेयरमैन को बुलाया जा रहा है और अगर सबूत नहीं थे तो डीपी जारोली को बर्खास्त क्यों किया। अगर मैं गलत बोल रहा हूं तो मुझ पर मानहानी का केस कर दो। ये ऐसे सबूत है जिससे कालेधन के मामले में कोई बच नहीं पाएगा।
60 प्रतिशत कमीशन की सरकार है
राजस्थान सरकार पर आरोप लगाते हुए मीणा ने कहा कि 3-4 दिन बाद एक और प्रेस कांफ्रेंस करूंगा जिसमें ये खुलासा करूंगा कि कैसे राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार 60 प्रतिशत तक कमीशन ले रही है।

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