शूर्पनखा की लक्ष्मण ने काटी नाक, खर, दूषण और त्रिशिरा का भी हुआ अंत
सवाई माधोपुर 17 अक्टूबर। शहर के नगर रामलीला मैदान में नगर रामलीला मंडल समिति के तत्वाधान में चल रही रामलीला बड़े ही रोचक और मनोरंजन दौर में पहुंच चुकी है। समिति के उपाध्यक्ष दिलीप शर्मा ने बताया कि मंगलवार को हास्य एवं वीर रस से भरपूर लीला का मंचन हुआ। सबसे पहले भगवान राम, लक्ष्मण और जानकी के साथ अत्रि ऋषि के आश्रम में पहुंचे जहां सती अनुसूईया ने माता जानकी को नारी धर्म का ज्ञानोपदेश दिया। दूसरी ओर अत्रि ऋषि ने भगवान राम को अपने कर्तव्य पालन का उपदेश दिया। इसके बाद भगवान श्रभंग कृषि के आश्रम में पहुंचे जहां उन्होंने शरभंग ऋषि को अपने गले लगाकर मोह माया से मुक्त किया। सुतीक्ष्ण और रामजीलाल की हास्य नाटिका ने दर्शकों को लोटपोट कर दिया तो दूसरी ओर सुंदरी रूप में सूर्पनखा एवं लक्ष्मण की संगीत में जुगलबंदी ने दर्शकों को खूब आनंदित किया। शूर्पनखा द्वारा लक्ष्मण को रिझाने के लिए गाए गए गीतों पर दर्शक झूम उठे। लीला के अंत में भगवान राम ने खर, दूषण और त्रिशिरा का वध किया जिसे देखकर दर्शकों ने जय राम के नारे लगाएं। इससे पूर्व राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भदलाव के प्रधानाचार्य राजेश शर्मा एवं अध्यापिका शिप्रा शर्मा ने सपरिवार भगवान गणेश, मां शारदे और राम, लक्ष्मण जानकी की आरती करके लीला का मंचन प्रारंभ करवाया।
समिति के अध्यक्ष हरिशंकर शर्मा एवम महामंत्री राजेंद्र शर्मा ने बताया कि बुधवार को सीता हरण की लीला का मंचन होगा जिसमें योगी रूप में रावण एवं माता जानकी की संगीतमय जुगलबंदी एवं रावण और मारीच की हास परिहास से पूर्ण जुगलबंदी विशेष आकर्षण रहेगी। नगर रामलीला मंडल के उपाध्यक्ष सीताराम सैनी, कोषाध्यक्ष राधेश्याम पंसारी, मंत्री ओमप्रकाश सेन, डायरेक्टर सुदर्शन शर्मा, प्रचार मंत्री कमल कुमार आनंद, विष्णु शर्मा, लखन भारती साहू, रामेश्वर जंगम, कैलाश चंद्र पाराशर, रामू पाराशर, प्रहलाद गुर्जर भगत, रामनिवास माली आदि ने शहर की जनता से अधिक से अधिक संख्या में रामलीला का मंचन देखकर पुण्य लाभ प्राप्त करने का आह्वान किया।