चिंता त्यागकर प्रभु का चिंतन करो- श्री हरि चैतन्य पुरी जी


कामां 14 जुलाई| तीर्थराज विमल कुण्ड स्थित श्री हरि कृपा आश्रम के संस्थापक एंव श्री हरि कृपा पीठाधीश्वर स्वामी श्री हरि चैतन्य पुरी जी महाराज ने यहाँ श्री हरि कृपा आश्रम में उपस्थित विशाल भक्त समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि चिंता करने से कुछ होने वाला नहीं फिर भी ज़रा ज़रा सी बात पर चिंता करना मानव स्वभाव बन गया है। विचार करो तुम्हारे चिंता करने से क्या हो सकता है कुछ भी नहीं। चिंता करने से कोई काम बनने वाला नहीं है । कर्म करने, पुरुषार्थ करने से संभावना बन सकती है कि काम बन जाए। अतः सोच समझ कर अपने जीवन में चिंतन को तो अपनाओ और चिंताओं का परित्याग करो। परमात्मा का स्मरण करते हुए कर्म हेतु प्रयास अवश्य करें ।असत चिंतन व चिंता त्यागकर सत चिंतन करने वालों को स्वत: राह मिलती है चिंताएं दूर होती हैं। भक्त होते हुए भी चिंता करना बताता है कि हमें अपने उस परमात्मा पर भरोसा नहीं जो विश्वम्भर है, संसार का भरण पोषण करने वाला है । समुद्र के अंदर रहने वाले,आकाश में विचरण करने वाले, वन में रहने वाले यहां तक कि पत्थरों के अंदर रहने वाले जीवो तक की व्यवस्था वह करता है , तो क्या उस पर भरोसा रखने वालों का वह ध्यान नहीं रखेगा ।

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उन्होंने कहा कि परमात्मा स्वयं कहते हैं कि मैं अपने आश्रित व समर्पित भक्तों का ध्यान व रक्षा ठीक वैसे ही करता हूं जैसे कि मां अपने आश्रित छोटे बच्चों का ध्यान रखती है अतः छोटे बच्चों की तरह भक्त बनकर प्रभु को पूर्ण समर्पित हो जाओ।

उन्होंने कहा कि जो आंखें विषय वासना, सांसारिक मोहमाया में फँसी है उन्हें परमात्मा नहीं दिखाई देते। तथा जब संसार नहीं दिखता तो प्रभू दिखते हैं। सन्तों, शास्त्रों व अवतारों को मात्र अपनी कमियां छुपाने की ढाल ही ना बनाएँ । उनसे प्रेरणाएं, शिक्षाएँ व उपदेश भी ग्रहण करके अपने जीवन में उतारकर जीवन को दैवत्व परिपूर्ण बनाए। विचार शील प्राणी कभी भी,किसी भी हाल में धर्म व परमात्मा का साथ कदापि भी नहीं छोड़ता। यूँ भी धैर्य ,धर्म ,मित्र व नारी इन चारों की परीक्षा विपत्ति के समय होती है। कब कौन सी बुद्धि उजागर हो जाए कोई कुछ कह नहीं सकता, हाँ अच्छे संग से सुमति व बुरे संग से कुमति ही उत्पन्न होगी।

अपने धारा प्रवाह प्रवचनों से उन्होंने सभी को मंत्र मुग्ध व भाव विभोर कर दिया । सारा वातावरण “श्री गुरू महाराज”, “कामां के कन्हैया” व “लाठी वाले भैय्या” की जय जयकार से गूंज उठा ।


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