सवाई माधोपुर 3 दिसम्बर। आचार्य नानेश शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय सवाई माधोपुर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा सन्दर्भित अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के शुभ अवसर पर दिव्यांग व्यक्तियों के कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूकता हेतु विधिक जागरूकता कार्यक्रम के अर्न्तगत समावेशन ओर समानता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विकलांग व्यक्तियों को सशक्त बनाना कि थीम पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाविद्यालय के संस्थापक रवीन्द्र जैन, विशिष्टि अतिथि पी.एल.वी. मुकेश कुमार शर्मा, दिनेश कुमार बैरवा, अखिलेश शर्मा, मगन लाल मीना रहे। इस अवसर पर संस्थापक रविन्द्र जैन जो कि स्वयं दिव्यांग है उन्होने दिव्यांगो के जीवन तथा प्रमुख कानूनी प्रावधानों के बारे में छात्राध्यापिकाओं को बताया।
मुकेश कुमार शर्मा ने बताया कि दिव्यांगों को प्रेम, सहयोग, परोपकार, समन्वय के साथ समाज की मुख्यधारा से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने हेतु केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाएँ संचालित की जा रही है दिव्यांग व्यक्तियों के साथ सहानुभूति पूर्ण व्यवहार करना चाहिए। इन योजनाओं का लाभ दिलाने में सहयोग करना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1992 मे अन्तराष्ट्रीय विकलांग दिवस 3 दिसम्बर को मनाने की औपचारिक घोषणा की तब से आज तक हम प्र्रत्येक वर्ष 3 दिसम्बर को दिव्यांग दिवस के रूप में अनैक कार्यक्रम आयोजित करते है। जिसका उद्देश्य दिव्यांगों के प्रति सद्भावना, सहयोग, प्रेग पूर्ण व्यवहार करना है। सन् 1990 में पैंशन विथ डिसएबलिटी एक्ट के तहत् श्रवण बाधिता, द्ष्टिबाधिता, मानसिक विमन्दता, अस्थि विकलांगता, पैरालायसिस आदि प्रकारों को जोड़ा गया है।
दिनेश कुमार बैरवा ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ही दिव्यांग शब्द का प्रथम बार प्रयोग किया क्योंकि विकलांग शब्द कहने और सुनने मात्र से घृणा का आभास देती है। अतः विकलांगो मे आत्म सम्मान जागृत करने का पर्याय है दिव्यांगता। दिव्यांगों में कोई न कोई विशेष कला प्रच्छन्न रूप से होती है। बशर्ते उसे बाहर प्रदर्शन के अवसर प्रदान करने की आवश्यकता है। दिव्यांगो से सम्बन्धित सरकारी योजनाओं एवं कानूनो के बारे में विस्तृत जानकारी दी।