जीवन की श्वांसें अनमोल हैं-पंकज महाराज
सतयगुग त्रेता द्वापर बीता! काहू न जानी शब्द की रीता, कलियुग में स्वामी दया विचारी, प्रगट करके शब्द पुकारी।। जीवन की श्वांसें अनमोल हैं समय निकलता जा रहा है। यदि जीवात्मा का कल्याण न किया तो जीवन व्यर्थ चला जायेगा। भजन होय नहिं तामस देही। मन क्रम वचन मन्त्र दृढ़ येही, शाकाहारी हो जायेंगे। बीमारी से बच जायेंगे। ये उद्गार जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूज्य पंकज जी महाराज ने आज तहसील फूलिया के गांव आमली बारेठ में आयोजित जयगुरुदेव सत्संग समारोह में व्यक्त किये।
उन्होंने कहा सारी आत्मायें अजर-अमर देश सतलोक से यहां लाई गई। वह कारण, सूक्ष्म, लिंग तथा स्थूल चार प्रकार की शरीरों में बन्द कर दी गईं। इस दुनिया के मालिक को त्रिलोकीनाथ, हिन्दू उन्हें परमात्मा, मुसलमान इन्हें खुदा, ईसाई गाड कहते हैं। काल प्रभु ने जीवात्माओं को विभिन्न प्रकार के बंधनों में जकड़ दिया। ऐसी दशा में इस धरा पर सन्तों का अवतरण हुआ और उन्होंने शब्द (नाम) की डोरी पकड़ कर जन्म मरण के बन्धनों से मुक्त किया। इस रास्ते को हमारे गुरु महाराज बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने गूढ़ रहस्योें पर से पर्दा हटाते हुये बीसों करोड़ लोगों को प्रभु की भक्ति में लगा दिया। भगवान की भक्ति तामस शरीर से नहीं हो सकती। जो लोग शाकाहारी-सदाचारी हैं, बहुत अच्छा, शेष सभी से विनती है शाकाहार को अपनायें शराब जैसे घातक नशों का परित्याग करें। नैतिक चरित्र उठायें।
बाबा जयगुरुदेव के उत्तराधिकारी ने कहा मेरे गुरु महाराज ने आजीवन अच्छे समाज के निर्माण के लिये सतत अथक परिश्रम किया। उसी का परिणाम है कि आज घर-घर में यह नारा गूंज रहा है कि ‘‘बाबा जयगुरुदेव जी महाराज का कहना है। शाकाहारी रहना है।।’’ बीसों करोड़ लोगों का हृदय परिवर्तन कर उनके हाथों से हथियार, लाठी, डण्डे, बन्दूकें, फेंकवा कर भगवान के भजन की माला पकड़ा देना कोई साधारण बात नहीं है। उन्होंने यह भी दोहराया कि महात्मा जाति, मजहब, कौम-कौमियत बनाने नहीं आते, वह लोगों के हाथों में डण्डे तलवारें या बन्दूक पकड़ाने नहीं आते, वह तो सबको अपना समझते हैं, सबके कल्याण का काम करते हैं। महात्मा समदर्षी होते हैं। सबमें प्रभु, परमात्मा का अंष, खुदा का नूर देखते हैं। बाबा पंकज महाराज ने कहा कि जाति, मजहब की लड़ाईयां, अज्ञानता और महापुरुषों की तालीमों व षिक्षाओं से भटक जाने का परिणाम है। उन्होंने चिन्ता जताई है कि नफरत, घृणा की ऐसी ज्वाला जली कि घर, परिवार, समाज, जातियाँ ही नहीं सारा देष जल उठा। सारी मानवता थक गई, सबको ऐसी छांव चाहिये, जहां ठण्डक मिले।
सन्त पंकज जी ने जयगुरुदेव आश्रम मथुरा (उ0प्र0) में आगामी 20 से 24 दिसम्बर तक आयोजित पूज्यपाद स्वामी घूरेलाल जी महाराज ‘दादा गुरूजी’ के 75वें वार्षिक भण्डारा सत्संग मेला पधारने का निमन्त्रण दिया। कहा, यहाँ वरदानी जयगुरुदेव मन्दिर बना है जहां पर बुराईयाँ चढ़ाने पर मनोकामना पूरी होती है। सभी धर्म-मजहब के लोग यहाँ आते है। वहाँ पधारकर दया, दुआ, आशीर्वाद प्राप्त करें। संस्था द्वारा संचालित हजारों गोवंश की गोशाला, निःशुल्क विद्यालय, निःशुल्क भण्डारा (लंगर), निःशुल्क चिकित्सालय के संचालन व पीठे पानी की निःशुल्क आपूर्ति धर्मादा कार्यों के बारे भी बताया।
सत्संग से पहले मंच पर राजस्थान संगत के प्रान्तीय अध्यक्ष विष्णु कुमार सोनी, उपाध्यक्ष हरिनारायण गुर्जर ‘‘भोपा जी’’, घनश्याम शर्मा (जहाजपुर), गोपाल कुमावत, राजेन्द्र सोनी अजमेर, सौकीन सरपंच, फूल सिंह रावत, परमेश्वर कुमावत, घीसू कुमावत, घेरूलाल गुर्जर, केदारनाथ गुर्जर, महावीर गुर्जर, बालवश धाकड़, आशाराम धाकड़, रामेश्वर शर्मा, श्रवण सुधार, बद्री जी मीणा, कुन्दन जी मीणा, रामस्वरूप गुर्जर एवं ग्रामवासियों ने पुष्पहार भेंटकर पूज्य महाराज जी का स्वागत किया और कार्यक्रम में मौजूद रहे। शांति व सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस प्रशासन ने सहयोग किया।
अगला सत्संग कार्यक्रम कल (आज) तह. फूलिया के अन्तर्गत गांव बानेछन कला में सायं 3.30 बजे से आयोजित है। जिला प्रवक्ता अनिल कुमार सोनी ने निकटवर्ती जनों से सत्संग में भाग लेने की अपील की है।