मांडलगढ़|श्री बाणमाता शक्तिपीठ प्रबंध एवं विकास संस्थान के तत्वाधान में आयोजित सहस्त्रचण्डिय 108 कुंडिय महायज्ञ व स्वर्ण कलश एव भैरुनाथ मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के सफल आयोजन के साथ ही लूण का गणेश जी के भोग प्रसादी व बैठक बुधवार को आयोजित हुई।
श्री बाणमाता शक्तिपीठ विकास एवं प्रबंध संस्थान के अध्यक्ष अशोक कुमार शर्मा की अध्यक्षता में लूण का गणेश जी के यहां आयोजित हुई। संस्थान महामंत्री अमित जोशी ने महायज्ञ का आय-व्यय प्रस्तुत किया। बैठक में 1 मई को श्री बाणमाता के यहां आयोजित बैठक में लिए प्रस्तावों पर चर्चा करते हुए सर्वसम्मति से वर्तमान कार्यकारिणी का कार्यकाल 3 वर्ष के लिए बढ़ाने का निर्णय किया गया। श्री बाणमाता के यहां संचालित श्री बाणमाता अन्नक्षेत्र कमेटी को भी श्री बाणमाता प्रबंध एवं विकास संस्थान में विलय करने का निर्णय किया गया। अन्नक्षेत्र कमेटी के वर्तमान अध्यक्ष जगपाल सिंह पुरावत को विकास संस्थान में उपाध्यक्ष के पद पर मनोनीत किया गया। वहीं अन्य क्षेत्र का रिकॉर्ड प्रबंध व विकास संस्थान में जमा करवाने के लिए पूर्व अध्यक्ष शम्भू सिंह सहित गठित कमेटी को जिम्मेदारी दी गई। गौशाला स्थापना के लिए विधायक गोपाल लाल शर्मा के निर्देशन में एक कमेटी का गठन किया गया जो भूमि एवं अन्य व्यवस्थाओं के लिए कार्यों को अंतिम रूप देंगे । उसके पश्चात गौशाला स्थापना का निर्धारण किया जाएगा। मुख्य मंदिर तक पहुंचने के लिए वर्तमान सीढियो का जीर्णोद्धार करने का प्रस्ताव लिया गया। पूजा अर्चना मैं सुधार करने का प्रस्ताव लिया गया । आगामी बैठक श्री बाणमाता के यहां 19 मई को प्रातः 12 बजे आयोजित करने का निर्णय किया गया।
बैठक में मेंड़केश्वर महादेव के महंत नंदकिशोर दास, लूण का गणेश जी महंत रामरंगिला दास, गुप्तेश्वर महादेव महंत बालक नाथ, महायज्ञ सहायक आचार्य सांवरमल शर्मा सहित काफी संख्या में भक्तजन मौजूद थे। बैठक के अंत में संस्थान अध्यक्ष अशोक शर्मा ने महायज्ञ में सभी के द्वारा प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से दिए गए सहयोग के लिए धन्यवाद, आभार ज्ञापित किया गया। हरिलाल जाट, राम प्रसाद जाट, कैलाश चंद साहू, सत्यनारायण चाड़, धन्नालाल जाट, राम प्रसाद जाट, अमरनाथ योगी, कन्हैयालाल धाकड़, दिनेश सिंह शक्तावत, सौभाग्यचंद्र खंडेलवाल, भंवरलाल कुमावत, छितर सुथार, मोहन कुमावत, मोड़ा लाल, सत्यनारायण सुथार, कैलाश चंद्र धाकड़ सहित काफी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।