भगवान शंकर का स्वरूप कल्याण कारक है – पंडित मुरारी लाल पाराशर

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जिला कलेक्टर श्रुति भारद्वाज ने शिव महापुराण में लिया भाग

डीग 7 मई| शहर के ऐतिहासिक लक्ष्मण मंदिर पर आयोजित हो रही शिव महापुराण के अष्टम दिन मंगलवार को व्यासपीठ पर विराजमान लक्ष्मण मंदिर के मंहत पूज्य पंडित मुरारी लाल पाराशर ने भगवान शंकर की कथा का वृत्तांत सुनाते हुए कहा कि भगवान शिव को रूद्र नाम से जाना जाता है। ।अतः भगवान शिव का स्वरूप कल्याण कारक है।
उन्होंने कहा कि रामायण में भगवान राम के कथन अनुसार शिव और राम में अंतर जानने वाला कभी भी भगवान शिव का या भगवान राम का प्रिय नहीं हो सकता।
राम-नाम सहस्त्र नामों के बराबर है।भगवान शिव, विष्णु, ब्रह्मा, शक्ति, राम और कृष्ण सब एक ही हैं। केवल नाम रूप का भेद है, तत्व में कोई अंतर नहीं। किसी भी नाम से उस परमात्मा की आराधना की जाए, इस तत्व को न जानने के कारण भक्तों में आपसी मतभेद हो जाता है। एकाग्रचित्त होकर उनकी भक्ति करते हुए अन्य देवों का उचित सम्मान व उनमें पूर्ण श्रद्धा रखनी चाहिए। किसी भी अन्य देव की ।शिव पुराण में भक्त सोच में पड़ जाते हैं। कहीं किसी को ऊंचा बताया जाता है, तो कहीं किसी को। विष्णु शिव से कहते हैं, ‘मेरे दर्शन का जो फल है वही आपके दर्शन का है। आप मेरे हृदय में रहते हैं और मैं आपके हृदय में रहता हूं।’ कृष्ण, शिव से कहते हैं, ‘मुझे आपसे बढ़कर कोई प्यारा नहीं हैउत्पत्ति, पालन और संहार। इन्हीं तीन भिन्न कार्यों के लिए तीन नाम दे दिए गए हैं- एक-दूसरे से स्नेह के कारण एक-दूसरे का ध्यान करने से शिव गोरे हो गए और विष्णु का रंग काला हो गया। शिव तामसी गुणों के अधिष्ठाता हैं। तामसी गुण यानी निंदा, क्रोध, मृत्यु, अंधकार आदि। तापसी भोजन यानी कड़वा, विषैला आदि। जिस अपवित्रता से, जिस दोष के कारण किसी वस्तु से घृणा की जाती है, शिव उसकी ओर बिना ध्यान दिए उसे धारण कर उसे भी शुभ बना देते हैं।
कथा के दौरान डीग जिला कलेक्टर श्रुति भारद्वाज शिव महापुराण कथा में पहुंची।जहां व्यासपीठ पर विराजमान पूज्य पाराशर ने जिला कलेक्टर का स्वागत किया।
इस मौके पर पान्हौरी सीता राम मंदिर के मंहत बाबा शिवरामदास जी महाराज,पीतम दास मंदिर मंहत कृष्णा बाबा,राज्य उपभोक्ता आयोग सदस्य न्यायमूर्ति केदार लाल गुप्ता,श्री मेडीकल वाले, मुकुट नसवरिया, रामकिशन गोयल,,हरिओम पाराशर, राधे श्याम तमोलिया, रज्जो सर्राफ दिनेश सर्राफ,,सुन्दर सरपंच, आचार्य गणेश दत्त पाराशर,पिन्टल गुरु, पूर्व पार्षद महेंद्र शर्मा गुड्डू,रमेश अरोड़ा, रमाकांत एडवोकेट,गीता तमोलिया,मालती खण्डेलवाल,सहित बड़ी संख्या में महिला पुरुष भक्त उपस्थित थे।


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