Maha Kumbh 2025: इंजीनियरिंग और मॉडलिंग छोड़ पुरातन सनातन से जुड़ रहे युवा; प्रोफेशनल्स में बढ़ रहा सनातन संस्कृति का आकर्षण


ग्लैमर और विज्ञान की दुनिया से आध्यात्म की ओर बढ़ा रुझान; महाकुम्भ में इंजीनियर बाबा और ग्लैमर वर्ल्ड छोड़कर आई हर्षा बनीं नजीर

Maha Kumbh 2025: महाकुम्भ नगर।राजदेव द्विवेदी। प्रोफेशनल लाइफ जी रहे आज के दौर के युवाओं में पुरातन सनातन संस्कृति का आकर्षण लगातार बढ़ता जा रहा है। देश-विदेश में स्थापित एंकर, मॉडल और इंजीनियर जैसे पेशेवर अब भारतीय परंपराओं और अध्यात्म से गहराई से जुड़ रहे हैं। महाकुम्भ के दौरान ऐसे तमाम उदाहरण सामने आए। इनमें एक ओर उत्तराखंड की युवती ने ग्लैमर की दुनिया छोड़कर स्वामी कैलाशानंद गिरि से दीक्षा ली, तो दूसरी ओर आईआईटी बॉम्बे के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के स्टूडेंट रहे इंजीनियर बाबा ने विज्ञान के माध्यम से श्रद्धालुओं को आध्यात्म की गहराइयों से परिचित कराया।

Maha Kumbh 2025: इंजीनियरिंग और मॉडलिंग छोड़ पुरातन सनातन से जुड़ रहे युवा; प्रोफेशनल्स में बढ़ रहा सनातन संस्कृति का आकर्षण

ग्लैमर की दुनिया से सनातन धर्म की शरण में आई युवती
उत्तराखंड निवासी हर्षा देश और विदेश में ग्लैमर इंडस्ट्री का हिस्सा रही हैं। उन्होंने महाकुम्भ में सनातन धर्म की दीक्षा ली। उन्होंने कहा, प्रोफेशनल लाइफ में दिखावे और आडंबर से भरी जिंदगी ने मुझे उबा दिया। मैंने महसूस किया कि वास्तविक सुख और शांति केवल सनातन धर्म की शरण में ही है। स्वामी कैलाशानंद गिरि से दीक्षा लेने के बाद मैंने जीवन का नया अर्थ समझा है।
इंजीनियर बाबा बोले, विज्ञान और अध्यात्म का संगम है महाकुम्भ
हरियाणा के मूल निवासी और आईआईटी बॉम्बे के पूर्व छात्र अभय सिंह को अब इंजीनियर बाबा के नाम से जाना जाता है। महाकुम्भ में श्रद्धालुओं को विज्ञान और अध्यात्म का अनोखा संगम समझा रहे हैं। बाबा जी ने एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी में अपने गहन ज्ञान का उपयोग करते हुए, कॉपी और डायग्राम के माध्यम से श्रद्धालुओं को जीवन और अध्यात्म का महत्व समझाया। बाबा जी ने कहा, साइंस केवल भौतिक जगत को समझाने का माध्यम है, लेकिन इसका गहन अध्ययन हमें अध्यात्म की ओर ले जाता है। जो व्यक्ति जीवन को पूर्ण रूप से समझ लेता है, वह अंततः आध्यात्म की गोद में चला जाता है।
महाकुम्भ ने बढ़ाया सनातन धर्म का प्रभाव
महाकुम्भ में आए लाखों श्रद्धालु भारतीय संस्कृति और आध्यात्म की विविधता से परिचित हो रहे हैं। इंजीनियर बाबा जैसे लोग और ग्लैमर की दुनिया से आई युवती हर्षा का सनातन धर्म के प्रति झुकाव इस बात का प्रमाण है कि आधुनिक जीवन शैली से ऊबकर लोग शांति और स्थायित्व की तलाश में भारतीय परंपराओं की ओर रुख कर रहे हैं। महाकुम्भ के इस आयोजन ने न केवल सनातन धर्म की महानता को प्रदर्शित किया, बल्कि प्रोफेशनल्स और युवाओं के जीवन में आध्यात्मिकता की आवश्यकता को भी उजागर किया। यह आयोजन आधुनिक और पारंपरिक मूल्यों के संगम का प्रतीक बनता जा रहा है।


WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now