108 रिद्धि मंत्रों के द्वारा वीरोदय के बड़े बाबा आदिनाथ भगवान का होगा महा मस्तकाभिषेक


2024 की विदाई एवं 2025 का मंगल आगमन तीर्थ पर

बडोदिया । चलो वीरोदय चलो वीरोदय के स्लोगन के साथ वीरोदय तीर्थ क्षेत्र की पुण्यधरा पर नए वर्ष 2025 की शुरूआत 108 रिद्धि मंत्रों के द्वारा वीरोदय के बड़े बाबा आदिनाथ भगवान का महा मस्तकाभिषेक एवं वृहत शांतिधारा बड़ी भव्यता के साथ संपन्न होगी । वीरोदय तीर्थ कमेटी अध्यक्ष मोहनलाल पिण्डारमिया व उपाध्यक्ष राजेश गांधी ने बताया कि वागड के सबसे बडे निर्माणाधीन तीर्थ वीरोदय पर विराजमान आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के परम शिष्य मुनि श्री अजीत सागरजी महाराज ससंघ के सानिध्य में 2024 की विदाई एवं 2025 का मंगल आगमन भक्ति व महा मस्ताकाभिषेक के साथ होगा। प्रवक्ता संकेत जैन ने बताया कि मुनि संघ के सानिध्य में नए वर्ष का महा शुभारंभ जैसा कि हम भारतीयों की परंपरा रही है आगमन हो या विदाई हम बड़े ही रीति रिवाज से करते हैं। इस वर्ष भी 2024 की विदाई एवं नव वर्ष 2025 का मंगलमय स्वागत हम सभी बड़ी भक्ति भाव के साथ भगवान एवं गुरुओं के अनंत उपकार को आभार प्रकट कर एवं हमारा नया वर्ष मंगलमय हो इस कामना से 31 दिसंबर को सायं 7 बजे से रात्रि 12 बजे तक संगीतमय भक्तामर जी आरती एवं पाठ के माध्यम से नए वर्ष का शुभारंभ करेंगे । एवं 1 जनवरी 2025 की प्रातः कालीन बेला में पूज्य मुनि श्री 108 अजीत सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में 108 रिद्धि मंत्रों के द्वारा वीरोदय के बड़े बाबा आदिनाथ भगवान का महा मस्तकाभिषेक एवं वृहत शांतिधारा होगी,अभिषेक शांतिधारा के उपरांत 1008 श्री आदिनाथ स्तुती विधान का आयोजन व मुनि श्री जी के प्रवचन एवं आहारचर्या होगी । इसके लिए वीरोदय तीर्थ क्षेत्र कमेटी द्वारा विशेष रूप से तैयारी कर ली है। शुरूआत धर्म और अध्यात्म से-मुनि श्री अजीत सागरजी महाराज ने कहा कि वागड में यह पहला अवसर है कि वीरोदय तीर्थ पर संतो के सानिध्य में नववर्ष की शुरूआत भगवान की आराधना के साथ होगी तो ऐसे अवसरो को छोडना नही चाहीए। क्युकि जब शुरूआत ही बेहतर होगी तो पुरा वर्ष भी बेहतर और धर्म और अध्यात्म से लबरेज होगा तो कर्मो की बेडीया टुटती जाएगी और पूण्य का उदय होगा । यह विचार मुनि श्री ने तीर्थ पर आयोजित धर्म सभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए ।


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