Mahakumbh 2025: राजस्थान के सीएम भजनलाल ने संगम में लगाई डुबकी, श्री बड़े हनुमानजी के दरबार में लगाई हाजिरी
महाकुम्भ के कुशल संचालन के लिए सीएम योगी को दी बधाई
Mahkumbh 2025: महाकुम्भ नगर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रविवार सुबह महाकुम्भ में त्रिवेणी संगम में स्नान कर पूजा अर्चना की। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा शनिवार देर रात महाकुम्भ मेला क्षेत्र में सेक्टर 7 स्थित राजस्थान पवेलियन पहुंचे। सुबह बोट से त्रिवेणी संगम का अवलोकन किया। उन्होंने त्रिवेणी संगम घाट पर पावन डुबकी लगाने के बाद मां गंगे की पूजा अर्चना, भगवान महादेव का दूध एवं गंगा जल से अभिषेक भी किया। मुख्यमंत्री ने मां गंगे की आरती की और बड़े हनुमान जी के दर्शन भी किए। उन्होंने महाकुम्भ के महाआयोजन को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुक्त कंठ से प्रशंसा की और उन्हें इस आयोजन के कुशल संचालन के लिए बधाई दी। इससे पहले, मुख्यमंत्री शर्मा का शनिवार देर रात प्रयागराज एयरपोर्ट पर उत्तर प्रदेश के मंत्री नंद गोपाल नंदी ने स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ में बने राजस्थान मंडप का अवलोकन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने राजस्थान के विभिन्न जनपदों से आए श्रद्धालुओं से भी भेंट की।
उन्होंने यात्रियों के ठहराव की सुविधाओं और यात्रा के प्रचार-प्रसार से जुड़ी आकर्षक सामग्री की सराहना की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने राजस्थान मंडपम में ही रात्रि विश्राम भी किया।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी शनिवार को प्रयागराज पहुंचे और रविवार को महाकुंभ में स्नान किया. उन्होंने त्रिवेणी संगम पर मां गंगा की पूजा-अर्चना की और भगवान महादेव का दूध और गंगा जल से अभिषेक किया। इसके बाद सीएम ने गंगा माता की आरती भी की।स्नान के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बोट से त्रिवेणी संगम का अवलोकन किया और बड़े हनुमानजी के मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना की।
महाकुंभ में अपने दौरे के दौरान सीएम ने राजस्थान मंडपम का भी निरीक्षण किया, जहां राजस्थान से जाने वाले यात्रियों के लिए पंडाल बनाए गए हैं। उन्होंने यात्रियों के ठहराव की सुविधाओं और यात्रा के प्रचार-प्रसार से जुड़ी आकर्षक सामग्री की सराहना की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने राजस्थान मंडपम में ही रात्रि विश्राम भी किया।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के लिए यह यात्रा धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण रही। उन्होंने प्रयागराज के प्रमुख धार्मिक स्थलों का दौरा किया और आस्था का अनुभव लिया। महाकुंभ में उनकी उपस्थिति ने राजस्थान और देशभर के श्रद्धालुओं को एकता और धार्मिक धरोहर के महत्व का अहसास कराया।