धर्म, संस्कृति और आस्था के सबसे बड़े महोत्सव में पवित्र स्नान कर पूरी सरकार ने दिया संदेश
महाकुम्भ भारतीय संस्कृति की दिव्यता और सार्वभौमिकता का प्रतीक-सीएम
यह न केवल धार्मिक अनुष्ठान, बल्कि लोक कल्याण और आत्मशुद्धि का पवित्र आह्वान- सीएम
त्रिवेणी माधवंसोमं भरद्वाज च वासुकिम्
वन्देSक्षयवटं शेषं प्रयागं तीर्थनायकम्
Mahakumbh 2025: महाकुम्भ नगर।राजदेव द्विवेदी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अपने मंत्रिमंडल के साथ तीर्थराज प्रयागराज में त्रिवेणी के संगम में पावन डुबकी लगाकर समूचे विश्व के कल्याण की कामना की। मुख्यमंत्री ने संगम स्नान को भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह स्नान आत्मिक शांति, धार्मिक समर्पण और समाज कल्याण का संदेश देता है। त्रिवेणी संगम का स्नान केवल व्यक्तिगत शुद्धि नहीं, बल्कि समग्र लोक कल्याण का आह्वान है। महाकुम्भ 2025 के इस दिव्य आयोजन में दुनिया भर से करोड़ों श्रद्धालु आ रहे हैं और संगम में पावन डुबकी लगा रहे हैं. यह स्नान धर्म, संस्कृति और आस्था का संदेश देता है। यह न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि लोक कल्याण और आत्मशुद्धि का पवित्र आह्वान भी है। महाकुम्भ भारतीय संस्कृति की दिव्यता और सार्वभौमिकता का प्रतीक है। संगम स्नान से जनमानस को यह संदेश मिलता है कि धर्म और संस्कृति की शक्ति से जीवन में शुद्धता और समृद्धि लाई जा सकती है।
संगम में उतरी पूरी सरकार
त्रिवेणी संगम वह पवित्र स्थल है, जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का मिलन होता है। इसे मोक्ष प्राप्ति और आत्मा की शुद्धि का केंद्र माना जाता है। शास्त्रों में संगम स्नान को सभी पापों से मुक्त करने और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग बताया गया है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों ने सबसे पहले अरैल स्थित त्रिवेणी संकुल में पूजा-अर्चना की। तत्पश्चात, मोटरबोट के माध्यम से संगम पहुंचकर विधिवत मंत्रोच्चार और हवन के साथ स्नान संपन्न किया। मुख्यमंत्री के साथ दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह,कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, लक्ष्मी नारायण चौधरी, धर्मपाल और अनिल राजभर सहित सभी 21 मंत्रियों और बाकी स्वतंत्र प्रभार वाले और राज्यमंत्रियों ने विधिवत संगम में स्नान और पूजन किया।
महाकुम्भ और सनातन संस्कृति का वैश्विक संदेश
यत्र गङ्गा च यमुना, सरस्वती च पुण्यदा।
स्नानेन तत्र तीर्थे, मोक्षः स्यात् सुखमात्मनः।।
अर्थात जहां गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम होता है, वहां स्नान करने से आत्मा को मोक्ष और शांति मिलती है। समस्त मंत्रिमंडल ने इसी आध्यात्मिक अनुभूति के साथ त्रिवेणी संगम में स्नान कर पूरी दुनिया को संदेश दिया। यह न केवल आस्था और विश्वास का प्रतीक बना, बल्कि जनमानस को आध्यात्मिक ऊर्जा और प्रेरणा प्रदान करने का भी अवसर बनकर सामने आया। यह आयोजन सनातन धर्म के मूल्यों को स्थापित करते हुए समाज में शांति, समृद्धि और समर्पण का संदेश देता है। इस आयोजन के माध्यम से न सिर्फ धार्मिक परंपरा के पालन का, बल्कि लोककल्याण और विश्वशांति का भी संदेश दिया गया।
दूसरी बार मंत्रिमंडल का संगम स्नान
योगी सरकार में यह दूसरा अवसर है, जब पूरे मंत्रिमंडल ने एक साथ कुम्भ के सुअवसर पर संगम स्नान किया है। इससे पूर्व 2019 में भी तीर्थराज प्रयागराज में आयोजित कुम्भ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पूरे मंत्रिमंडल के साथ संगम में आस्था की डुबकी लगाई थी। तब मुख्यमंत्री और समस्त मंत्रिमंडल के साथ अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि और अन्य साधु संतों ने भी संगम की धारा में पवित्र स्नान किया था।
मंत्रिमंडल की बैठक भी हुई संपन्न
इससे पूर्व, योगी सरकार ने महाकुम्भ में कैबिनेट बैठक का भी आयोजन किया। बैठक में यूपी सरकार के सभी 54 मंत्रियों को बुलाया गया। यह बैठक अरैल के त्रिवेणी संकुल में आयोजित की गई। संगम में स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को असुविधा न हो, इसके लिए अरैल में बैठक करने का फैसला लिया गया। पहले ये बैठक मेला प्राधिकरण के सभागार में होनी थी, लेकिन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए बाद में बैठक का स्थान बदल दिया गया, क्योंकि अगर मेला प्राधिकरण के सभागार में मंत्रियों की बैठक की जाती है तो वीआईपी सुरक्षा के चलते श्रद्धालुओं को दिक्कत हो सकती थी।