शाहपुरा |रायला के गोरा का खेड़ा में स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए आयोजित सात दिवसीय महामृत्युंजय जाप, रूद्राभिषेक एवं हवन यज्ञ अनुष्ठान का समापन शुक्रवार को हुआ ।
सात दिवसीय महामृत्युंजय जप, रूद्राभिषेक एवं यज्ञ को विद्वान ब्राह्मणों के सहयोग से संपन्न किया गया। आचार्य जगदीश चन्द्र दाधीच ने कहा कि ग्राम की सुख ,शान्ति, समृद्धि के लिए महामृत्युंजय का जप, रूद्राभिषेक अनुष्ठान और हवन यज्ञ विधिवत रूप से करवाया गया। महामृत्युंजय मंत्र के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि संस्कृत में महामृत्युंजय उस व्यक्ति को कहते हैं जो मृत्यु को जीतने वाला हो। इसलिए भगवान शिव की स्तुति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है। इसके जाप से संसार के सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। ये मंत्र जीवन देने वाला है। महामृत्युंजय मंत्र जपने से अकाल मृत्यु तो टलती ही है, आरोग्यता की भी प्राप्ति होती है। उन्होंने और कहा कि इस मंत्र का जाप करने से बहुत सी बाधाएं दूर होती है, अतः इस मंत्र का यथासंभव जप करना चाहिए।
वैदिक मंत्रोच्चारण से वातावरण हुआ भक्तिमयः
सुख-समृद्धि की कामना को लेकर भक्तों द्वारा हवन कुण्ड में आहुति प्रदान की गई। वैदिक मंत्रोच्चरण के बीच हवन यज्ञ को संपन्न किया है। वैदिक मंत्रों की ध्वनि से वातावरण आध्यात्मिकता से ओत-प्रोत रहा। यज्ञ करने से कष्टों से छुटकारा मिलता है। मानव कल्याण के लिए यज्ञ अनुष्ठान जरूरी है। यज्ञ में हवन आहुति करने से मन को शान्ति मिलती है, तथा आन्तरिक एवं वाह्य शक्तियां बलवती होती हैं। समापन के दौरान महाप्रसाद का भी आयोजन किया गया था ।
जिसमें समस्त ग्रामवासियों ने प्रसाद ग्रहण किया। वैदिक ब्राह्मणो के द्वारा महामृत्युंजय जाप, रूद्राभिषेक , महाआरती एवं हवन यज्ञ अनुष्ठान का समापन कराया गया।