स्वामी स्वतंत्रतानंद जी की 114 वी जयंती वर्ष महर्षि दयानंद सेवाश्रम कुशलगढ में बांसवाडा और कुशलगढ़ के सयुक्त तत्वावधान में मनाई


कुशलगढ़| आज दिनांक 1अप्रैल 2025 को स्वामी स्वतंत्रतानंद जी की 114 वी जयति वर्ष महर्षि दयानंद सेवाश्रम कुशलगढ में बांसवाडा और कुशलगढ़ के सयुक्त तत्वावधान में मनाई गई । स्वामी स्वतंत्रानंद जी महाराज आज़ादी की लड़ाई लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानी थें। देश की आज़ादी के बाद स्वामी जी ने समाज सेवा की जिम्मेदारी ली और उन्होंने बिहार से चलकर गुजरात, राजस्थान और मध्यप्रदेश के जनजाति वर्ग भील समाज के उत्थान की जिम्मेदारी ली। उन्होंने भारत सरकार द्वारा दी जानें वाली पेंशन से जनजातियों के मध्य शिक्षा से जोड़ने का कार्य किया । स्वामी जी ने राजस्थान के बांसवाड़ा ,डूंगरपुर और प्रतापगढ़ जिलों से सेवाएं दी । जहां आज भी उनकी पेंशन से घर खरीदा और छात्रावास की स्थापना की। जनजातियों के उत्थान के लिए आजादी के बाद शिक्षा के क्षेत्र में प्रथम प्रचारक स्वतंत्रता सेनानी स्वामी स्वतंत्रतानंद जी महाराज थे। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विद्वान उज्जैन के ब्रमाचारी आचार्य मोहन जी आर्य थे। उन्होंने युवा पीढ़ी को डीजे पर नाचने पर दुःख व्यक्त किया और उन्होंने बताया कि एक समय था जब हमारे समाज का युवा और घोड़ा युद्ध के मैदान में नज़र आते थे । आज के समय में वहीं घोड़ा और युवा डीजे के पीछे नाचते हुए नज़र आ रहे हैं। आज की युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनना होगा । उन्होंने कहा हमें युवाओं के बारे में सोचना होगा उन्होंने उदाहरण देकर समझाया कि जब राजा दशरथ के पुत्र, राम लक्ष्मण, भरत के मार्ग पर चलने के लिए कहा न कि मुंगलकाल सम्राट शाहजहां के पुत्रों के मार्ग पर चलना है । जिनके चारों पुत्रों में से एक पुत्र औरंगजेब ने दारा, शुजा और मुराद के सिर काटकर शाहजंहा के पैरो में रख दिया था। राजपाट के लालच में औरंगजेब ने अपने पिता को जेल में डलवा दिया उन्होंने अन्न और पानी भी नसीब नहीं होने दिया, भूख से तड़पा तड़पा कर मार डाला। एक समय था जब युवा पीढ़ी वेद और गीता सार का पहला श्लोक याद रखते थे। लेकिन आज के युवाओं को हर किताब में उल्लेखित भारतीय संविधान की प्रस्तावना भी याद नहीं है।,, बिगड़े बोल के गाने हर बच्चे को याद हैं। कार्यक्रम में आश्रम प्रधान धर्मेंद्र आर्य आश्रम मंत्री भारत सिंह डिंडोर बांसवाड़ा आश्रम के मंत्री जीतमल जी पणदा , पूर्व बैंक मैनेजर सरदार सिंह कटारा, बांसवाड़ा आश्रम के व्यवस्थापक लव कुमार शास्त्री कुशलगढ़ आश्रम की व्यवस्था पर दिलीप कुमार शास्त्री एडवोकेट धर्मेंद्र कंसारा समाजसेवी मुकेश अग्रवाल, विनोद जी सोनी, श्यामलाल जी डिंडोर, बादर सिंह कटारा,भावचंद जी कटारा, वीरेंद्र जी चारेल, दीपक सिंह कटारा, कालू महाराज, दीपचंद महाराज, बहादुर महाराज, बिजिया मईडा शिवलाल डामोर ,भारत एड, वरसिंह मुनिया, अजय जी निगम,कमलेश डिंडोर, सुभाष मैडा, पोपटलाल मसार ,भारत सिंह, बहादुर सिंह कटारा, लखजी भाई, दिनेश खड़िया, केसर सिंह डोडियार, प्रकाश डामोर, मोतीसिंह डोडियार रमेश सुरावत, कैलाश एड, संजय एड, मनीष पारगी, कमलेश पारगी कार्यक्रम में महिलाएं , आश्रम के विद्यार्थी, सदस्य आदि लोग मौजूद थे। यह जानकारी आश्रम सदस्य केसर सिंह डामोर ने दी।


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