मेरे निधन के बाद गांव में स्मारक बनाना

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पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने इसीलिए खरीदी थी 6 बीघा जमीन

भरतपुर जिले में स्थित जघीना गांव के विकास में नटवर सिंह का महत्वपूर्ण योगदान रहा उन्होंने न सिर्फ गांव में सबसे पहले सड़क का निर्माण कराया, बल्कि 10वीं से 12वीं तक की पढ़ाई के लिए स्कूल बिल्डिंग का भी निर्माण करवाया

पीडी शर्मा/भरतपुर-कांग्रेस सरकार में भारत के विदेश मंत्री रहे कुंवर नटवर सिंह का 95 साल की उम्र में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे मूलतः भरतपुर जिले के जघीना गांव के रहने वाले थे। उनके निधन की खबर सुनकर पूरे गांव में शोक की लहर है। जघीना गांव के निवासी लक्ष्मण सिंह ने बताया कि, ‘नटवर सिंह को इस गांव से बहुत लगाव था। उन्होंने इस गांव के लिए बहुत कुछ किया। वह मिलनसार हंसमुख स्वभाव के थे। जब भी गांव का कोई व्यक्ति उनके पास काम लेकर के जाता था तो वह कभी खाली हाथ नहीं लौटा.’

‘निधन के बाद गांव में स्मारक बनाने की थी इच्छा’

लक्ष्मण सिंह ने बताया कि, ‘नटवर सिंह की इच्छा थी कि उनके निधन के बाद गांव में स्मारक बनाया जाए, जिसके लिए उन्होंने अलग से 6 बीघा में जमीन खरीद रखी थी.’ उन्हें किताब पढ़ने का काफी शौक था और उनकी निजी लाइब्रेरी में 10 हजार से अधिक पुस्तके हैं। नटवर सिंह को 14 भाषाओं का ज्ञान था, और वे दोनों हाथों से लिखने में निपुण थे। गांव के विकास में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने न सिर्फ गांव में सबसे पहले सड़क का निर्माण कराया, बल्कि 10वीं से 12वीं तक की पढ़ाई के लिए स्कूल बिल्डिंग का भी निर्माण करवाया।

नदबई से विधायक हैं नटवर सिंह के पुत्र कुंवर जगत सिंह

लक्ष्मण सिंह के भतीजे चंद्रवीर सोगर जघीना ने बताया कि पूर्व विदेश मंत्री कुंवर नटवर सिंह द्वारा “वन लाइफ इज नॉट इनफ’: एन आटोबायोग्राफी’ पुस्तक लिखी गई थी. इस पुस्तक में वर्ष 2004 में सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री पद से इनकार करने के कारणों का ब्योरा दिया गया। साथ ही सोनिया गांधी और पीवी नरसिंह राव के संबंधों की चर्चा की गई। कुंवर नटवर सिंह के पुत्र कुंवर जगत सिंह नदबई विधानसभा से विधायक हैं।


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