भरतपुर में मार्शल आर्ट और जयशंकर टाईगर एक दूसरे की पर्याय हैं

Support us By Sharing

मार्शल आर्ट से महिलाओं में पनपता है आत्मनिर्भर आत्मविश्वास एवं आत्मसुरक्षा की भावना– जयशंकर टाईगर क्लब

भरतपुर- में मार्शल आर्ट और जयशंकर टाईगर एक दूसरे की पर्याय हैं, मार्शल आर्ट से भरतपुर की जनता को सन 1982 में जयशंकर ने रूबरू कराया था। पूर्व केंद्रीय विदेश मंत्री कुंवर नटवर सिंह के समक्ष भरतपुर में पहली बार जूडो कराटे विधा का प्रदर्शन किया गया। मार्शल आर्ट के संस्थापक जयशंकर टाईगर ने अपना संपूर्ण जीवन भरतपुर के युवाओं एवं युवतियों को जूडो कराटे सिखाने के लिए समर्पित कर दिया। वह स्वयं ब्लैक बेल्ट धारी थे सिर से बर्फ की सिल्ली तोडना, ईट तोड़ना,पेट के ऊपर से जीप को चलवाना,अकेले चार-चार लोगों से मुकाबला करना,आग के घेरे से कूदने आदि कई ऐसे प्रदर्शन हैं जिसके लिए जयशंकर टाईगर को हमेशा याद रखा जाएगा। 1984 से प्रति वर्ष 26 जनवरी व 15 अगस्त को राजकीय समारोह में उनके इन प्रदर्शनों को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड पडती थी।
भरतपुर मार्शल आर्ट के संस्थापक जयशंकर के निधन के बाद उनके सम्मान में पूर्व पशुपालन मंत्री हरीसिंह, स्वर्गीय विधायक आर.पी शर्मा एवं महाराजा विश्वेंद्र सिंह वर्तमान कैबिनेट मंत्री राजस्थान सरकार द्वारा सन 2001 में प्रतिमा का अनावरण किया गया। जयशंकर टाईगर महिला सशक्तिकरण एवं आत्म सुरक्षा के प्रति जागरूक थे। इसी कड़ी में टाईगर की पुत्री नेहा शर्मा ने भरतपुर जिले की पहली ब्लैक बेल्ट हासिल कर भरतपुर जिले एवं अपने पिता का नाम रोशन किया। जूडो कराटे का प्रशिक्षण किला स्थित नेहरु पार्क के पास निरंतर युवक युवतियों को दे रहा है। जयशंकर टाइगर जूडो कराटे शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान से अनगिनत खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खेलों में उपलब्धि प्राप्त की है।
जयशंकर टाईगर क्लब के सचिव पीयूष जयशंकर टाईगर ने बताया कि मार्शल आर्ट से युवक-युवतियों में आत्मविश्वास, आत्मनिर्भर, फिजिकल फिटनेस एवं आत्मसुरक्षा की भावना पैदा होती है, जो आज के युग में युवतियों के लिए आवश्यक है। भरतपुर ताइक्वांडो संघ की सचिव दीप्ति शर्मा ने कहा कि इस खेल से खिलाड़ियों का एनर्जी लेवल एवं स्टेमिना में विकास होता है। इस संस्था द्वारा भरतपुर संभाग में सबसे कम उम्र में साउथ कोरिया से ताइक्वांडो ब्लैक बेल्ट प्राप्त कर कीर्तिमान स्थापित किया है। संस्था का मुख्य उद्देश्य बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ एवं बेटियों को आत्मरक्षा सिखाओ है।

मार्शल आर्ट से भरतपुर की जनता को सन 1982 में जयशंकर ने रूबरू कराया था। पूर्व केंद्रीय विदेश मंत्री कुंवर नटवर सिंह के समक्ष भरतपुर में पहली बार जूडो कराटे विधा का प्रदर्शन किया गया। मार्शल आर्ट के संस्थापक जयशंकर टाईगर ने अपना संपूर्ण जीवन भरतपुर के युवाओं एवं युवतियों को जूडो कराटे सिखाने के लिए समर्पित कर दिया। वह स्वयं ब्लैक बेल्ट धारी थे सिर से बर्फ की सिल्ली तोडना, ईट तोड़ना,पेट के ऊपर से जीप को चलवाना,अकेले चार-चार लोगों से मुकाबला करना,आग के घेरे से कूदने आदि कई ऐसे प्रदर्शन हैं जिसके लिए जयशंकर टाईगर को हमेशा याद रखा जाएगा। 1984 से प्रति वर्ष 26 जनवरी व 15 अगस्त को राजकीय समारोह में उनके इन प्रदर्शनों को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड पडती थी।

भरतपुर मार्शल आर्ट के संस्थापक जयशंकर के निधन के बाद उनके सम्मान में पूर्व पशुपालन मंत्री हरीसिंह, स्वर्गीय विधायक आर.पी शर्मा एवं महाराजा विश्वेंद्र सिंह वर्तमान कैबिनेट मंत्री राजस्थान सरकार द्वारा सन 2001 में प्रतिमा का अनावरण किया गया। जयशंकर टाईगर महिला सशक्तिकरण एवं आत्म सुरक्षा के प्रति जागरूक थे। इसी कड़ी में टाईगर की पुत्री नेहा शर्मा ने भरतपुर जिले की पहली ब्लैक बेल्ट हासिल कर भरतपुर जिले एवं अपने पिता का नाम रोशन किया। जूडो कराटे का प्रशिक्षण किला स्थित नेहरु पार्क के पास निरंतर युवक युवतियों को दे रहा है। जयशंकर टाइगर जूडो कराटे शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान से अनगिनत खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खेलों में उपलब्धि प्राप्त की है।
जयशंकर टाईगर क्लब के सचिव पीयूष जयशंकर टाईगर ने बताया कि मार्शल आर्ट से युवक-युवतियों में आत्मविश्वास, आत्मनिर्भर, फिजिकल फिटनेस एवं आत्मसुरक्षा की भावना पैदा होती है, जो आज के युग में युवतियों के लिए आवश्यक है। भरतपुर ताइक्वांडो संघ की सचिव दीप्ति शर्मा ने कहा कि इस खेल से खिलाड़ियों का एनर्जी लेवल एवं स्टेमिना में विकास होता है। इस संस्था द्वारा भरतपुर संभाग में सबसे कम उम्र में साउथ कोरिया से ताइक्वांडो ब्लैक बेल्ट प्राप्त कर कीर्तिमान स्थापित किया है। संस्था का मुख्य उद्देश्य बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ एवं बेटियों को आत्मरक्षा सिखाओ है।


Support us By Sharing