‘‘दैवीय आपदा प्रबन्धन जांच समिति’’ की बैठक सम्पन्न

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सभापति उमेश द्विवेदी के सभापतित्व में उत्तर प्रदेश विधान परिषद ‘‘दैवीय आपदा प्रबन्धन जांच समिति’’ की बैठक सम्पन्न

 

प्रयागराज।सभापति उमेश द्विवेदी के सभापतित्व में उत्तर प्रदेश विधान परिषद ‘‘दैवीय आपदा प्रबन्धन जांच समिति’’ की जनपद प्रयागराज, कौशाम्बी एवं फतेहपुर के अधिकारियों के साथ बैठक सर्किट हाउस में सम्पन्न हुईं।बैठक में सभापति ने सम्बंधित अधिकारियों से जनपद प्रयागराज, कौशाम्बी एवं फतेहपुर में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों एवं वर्ष 2021 से अब तक महामारी, बाढ़, सर्पदंश एवं अन्य दैवीय आपदा से प्रभावित पीड़ितों को उपलब्ध करायी गयी राहत राशि के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हुए कहा कि इस प्रकार कार्ययोजना बनायी जाये कि भविष्य में बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में कम से कम जनहानि तथा प्रभावित लोगो को शासन द्वारा दी जाने वाली आर्थिक सहायता शीघ्रता से उपलब्ध हो जाये। उन्होंने सम्बंधित अधिकारियों से बाढ़, अतिवृष्टि एवं अन्य दैवीय आपदा से प्रभावित लोगो को उपलब्ध करायी गयी सहायता राशि की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने आपदा से प्रभावित लोगो को तत्काल आर्थिंक सहायता उपलब्ध कराने तथा आपदा के कारण जिन लोगो के छप्पर गिरे है, ऐसे लोगो को उपलब्ध करायी गयी सहायता राशि की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रयागराज के संगम क्षेत्र व आस-पास के घाटों में डुबकर हुई जनहानि के बारे में जानकारी लेते हुए निर्देशित किया कि घाटों में ऐसी व्यवस्था की जाये कि डुबने के कारण किसी भी प्रकार की जनहानि न हो। घाटों के आस-पास पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से लोगो के लिए लगातार आवश्यक सूचनाएं प्रसारित करायी जाती रहे। इसके साथ ही उन्होंने घाटों पर सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस विभाग, जल पुलिस एवं गोताखोरों की सिफ्ट वाइज ड्यूटी लगाये के लिए भी कहा है। समिति ने कहा कि बिना लाइफ जैकेट की उपलब्धता के कोई भी नाव का संचालन न हो, यह सुनिश्चित किया जाये।


सभापति ने सर्पदंश से जनहानि की समीक्षा करते हुए कहा कि ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित किया जाये, जहां पर सर्पदंश की अधिक घटनाएं सामने आती है, उन क्षेत्रों में सर्पदंश की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी उपाय सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने सम्बंधित अधिकारियों से कहा कि सर्पदंश के सम्बंध में आमजन को जागरूक करने के लिए ‘‘क्या करें, क्या न करें’’ का विभिन्न माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये तथा सर्पदंश से मृतक के परिजनों को जागरूक किया जाये कि मृतक का पोस्टमार्टम होने पर ही सरकार द्वारा दी जाने वाली आर्थिंक सहायता उपलब्ध करायी जा सकती है। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारियों को जनपद के जिला अस्पताल एवं सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में सर्पदंश से बचाव के इंजेेक्शन (एंटी वेनम) सहित सभी आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित रखने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने अस्पतालों में सर्पदंश की स्थिति में ‘‘क्या करें, क्या न करें’’ विषयक बोर्ड लगवाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि सर्पदंश के मामलों में पुलिस तत्काल मौके पर पहुंचकर मृतक व्यक्ति का पोस्टमार्टम जरूर करायें, ताकि परिजनों को आर्थिंक सहायता उपलब्ध हो सके। सभापति ने जनपद प्रयागराज, कौशाम्बी एवं फतेहपुर के मुख्य चिकित्साधिकारियों से सरकारी अस्पतालों में अल्ट्रासाउण्ड मशीनों की उपलब्धता की जानकारी प्राप्त करते हुए कहा कि आवश्यकतानुसार अल्ट्रासाउण्ड मशीनों की मांग शासन से कर लिया जाये तथा चिकित्सकों की उपलब्धता एवं उपकरण की उपलब्धता की सूची उन्हें उपलब्ध करायी जाये। उन्होंने संचारी रोगों के नियंत्रण एवं बचाव के लिए किए जा रहे कार्यों की विस्तृत समीक्षा करते हुए कहा कि सभी सम्बंधित विभाग आपसी समन्वय बनाकर अपने कार्यों का निर्वहन करें एवं नगरों व गांवों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाये। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य में लापरवाही बरतने वाले सफाई कर्मिंयों को चिन्हित करने के लिए कहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सफाई कर्मिंयों से बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों की शौचालयों की नियमित रूप से साफ-सफाई करायी जाये। सभापित ने ऊर्जा विभाग की समीक्षा के दौरान जर्जर तारों को बदलने की कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, जिससे बिजली के जर्जर तारों के कारण आग लगने की घटनाएं न हो सके। उन्होंने बिजली के खम्भों को मानक के अनुसार ही गड्ढ़े की खुदायी कर लगाये जाने के लिए कहा है। उन्होंने बिजली विभाग के अधिकारियों को गलत बिजली बिल से सम्बंधित शिकायत पर गम्भीरता के साथ कार्यवाही करने के लिए कहा है, जिससे उपभोक्ताओं को गलत विद्युत बिल से सम्बंधित समस्याओं का सामना न करना पड़े। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि संविदा विद्युत कर्मिंयों को समुचित प्रशिक्षण दिलाया जाये। बैठक में बताया गया कि कार्य के दौरान संविदा कर्मीं की विद्युत से मृत्यु होने की दशा में परिजनों को अनुमन्य आर्थिंक सहायता उपलब्ध करायी जाती है। मा0 सभापति ने पीडब्लूडी के अधिकारियों से बाढ़ से क्षतिग्रस्त होने वाले राजमार्गों की स्थिति के बारे में जानकारी ली और कहा कि जहां पर भी बाढ़ से बार-बार कोई रोड़ खराब होती है, उन सड़कों को चिन्हित कर लें साथ ही जहां पर भी पानी भराव के कारण सड़क खराब होती है, उन सड़कों को भी चिन्हित कर उन सड़कों को अन्य तकनीकी से बनाया जाये, जिससे सड़के खराब न हो। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के बारे में जानकारी ली, कहा कि जिन लाभार्थिंयों का अभी तक केवाईसी नहीं हुआ है, ऐसे लोगो का जल्द से जल्द केवाईसी अपडेट करना सुनिश्चित करें। बैठक के अंत में जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने समिति को आश्वस्त करते हुए कहा कि बैठक में माननीय समिति द्वारा जो भी दिशा निर्देश दिए गए हैं उसका शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। बैठक में उत्तर प्रदेश विधान परिषद ‘‘दैवीय आपदा प्रबन्धन जांच समिति’’ के सदस्य अक्षय प्रताप सिंह, सुरेन्द्र चौधरी, अवनीश कुमार सिंह सहित जिलाधिकरी प्रयागराज संजय कुमार खत्री, जिलाधिकारी कौशाम्बी श्री सुजीत कुमार एवं जिलाधिकारी फतेहपुर श्रुति, अपर पुलिस आयुक्त प्रयागराज पवन कुमार, पुलिस अधीक्षक कौशाम्बी बृजेश कुमार श्रीवास्तव, फतेहपुर उदय शंकर पाण्डेय सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।


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