राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति के सदस्यों ने चार सूत्री मांगों को लेकर कार्य का किया बहिष्कार


उपखंड अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

नदबई-राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति के सदस्यों ने सोमवार को 4 सूत्रीय मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार किया और उपखंड अधिकारी गंगाधर मीणा के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। समिति के सदस्यों ने बिजली क्षेत्र में निजीकरण की प्रक्रियाओं पर रोक लगाने और अपनी मांगों को जल्द पूरा करने की अपील की।संघर्ष समिति ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि राज्य सरकार बिजली उत्पादन, प्रसारण और वितरण के लिए विभिन्न प्रक्रियाओं और मॉडल्स के नाम पर तेजी से निजीकरण कर रही है। यह कदम सरकार की लोक कल्याणकारी भूमिका के विपरीत है और सामरिक सुरक्षा, किसानों, घरेलू उपभोक्ताओं और उद्योगों के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर सकता है।

संघर्ष समिति का कहना है कि राज्य सरकार बिजली क्षेत्र का संचालन बिना लाभ-हानि के सिद्धांत पर करती आई है, लेकिन अब इसे लाभ आधारित मॉडल पर ढालने की मंशा से निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है।संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं की गईं तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। समिति ने निजीकरण के कदमों को राज्य की जनता और कर्मचारियों के हितों के खिलाफ बताते हुए राज्य सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है।


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