देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव में समरावता की घटना के विरोध में दिया ज्ञापन, नरेश मीणा कि रिहाई की मांग


जहाजपुर| नरेश मीणा कि रिहाई की मांग एवं समरावता की घटना के विरोध में मीणा समाज, अम्बेडकर विचार मंच, मीणा सरपंच संघ के पदाधिकारियों ने राज्यपाल के नाम थानाधिकारी नरपत राम बाना को ज्ञापन सौंपा। आरएएस अधिकारियों के पेन डाउन के चलते उपखंड अधिकारी ने ज्ञापन नही लिया।

ज्ञापन में बताया गया कि देवली-उनियारा के विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव में ग्राम समरावता में ग्रामवासियों द्वारा शान्तिप्रिय तरीके से चुनाव का बहिष्कार कर रहें थें और उनकी मांग थी कि समरावता ग्राम के आस-पास के गाँवों का उपखण्ड देवली से बदल कर हमारे नजदीक ही उनियारा को उपखण्ड मुख्यालय किया जावें। इस दौरान निर्दलीय प्रत्याक्षी नरेश मीणा ग्रामवासियों के साथ मे वह भी उनकी मांग के लिये शान्ति प्रिय धरने पर बैठ गये इसी दौरान मतदान केंद्र पर उपस्थित उपखण्ड अधिकारी अमित चौधरी द्वारा जबरन ग्रामवासियों में से 3 लोग जो सरकारी कर्मचारी थें उनको उनकी नौकरी से हटाने की धमकी देकर जबरन मतदान के लिये ले जाया गया और जबरदस्ती किसी विशेष के पक्ष में मतदान करवाया गया। इस कारण आनन फानन में नरेश मीणा द्वारा एसडीएम अमित चौधरी के थप्पड़ मारने की घटना हुई। घटना के बाद नरेश मीणा को पता चला की यह उपखण्ड अधिकारी है। उसके बावजुद शान्तिप्रिय तरीके से वापस धरने पर बैठ गये और ग्रामवासीयों से निवेदन करके मतदान भी करवा दिया गया। उसके बाद रात्रि करीब 11:00 बजे ग्रामवासी व नरेश मीणा व उनके कार्यकर्ताओं पर पुलिस प्रशासन ने लाठी चार्ज, आसू गैस के गोले छोड़े व वहा पर खड़ी गाड़ियों में पुलिस प्रशासन द्वारा जानबुझकर आग लगाकर सम्पूर्ण ग्रामवासियों को जान से मारने की कोशिश की गयी। जिसमें बहुत से ग्रामवासी गम्भीर रूप से जख्मी हो गयें। महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार एवं मारपीट की गई जबकि नरेश मीणा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस, सोशल मिडिया में बता दिया था कि मैं प्रशासन को मेरी गिरफ्तारी दूंगा। उसके बावजुद भी पुलिस प्रशासन ने सभी ग्रामवासियों पर हमला कर दिया। जिससे सम्पूर्ण ग्रामवासी अपनी जान बचा कर इधर उधर छिप गए व भागकर जान बचाने के लिए घरों की छतों से नीचे कुदने पर ग्रामीणों के हाथ-पेर टूट गए। उसके बाद 14 नवंबर को सुबह पुलिस प्रशासन के द्वारा नरेश मीणा व ग्रामवासियों को गिरफ्तार कर लिया गया। जो कि एक तरफा कार्यवाही करना व लोकतंत्र को कमजोर करना जो कि गलत है एवं संविधान के नियमों का उल्लघंन किया गया।

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ग्राम समरावता में जो भी आर्थिक नुकसान एवं जन-धन की हानि हुई है उसका मुआवजा सम्बन्धित लोगों को जल्द से जल्द सरकार द्वारा दिलवाया जावें और सम्बन्धित उपखण्ड अधिकारी अमित चौधरी के विरूद्ध भी मुकदमा दर्ज कर प्रशासनिक कार्यवाही की जावें क्योंकि यह एक वर्ष पूर्व से एपीओ चल रहा था। उसके बावजुद भी वह चुनाव में किस प्रकार ड्यूटी पर आये और यह सम्पूर्ण घटना टोंक जिला कलेक्टर सौम्या झॉ
के ग्रामवासीयों द्वारा समरावता गाँव बुलाने पर पूरे दिन भी समरावता गाँव में जाकर ग्रामवासियों की समस्याओं का निराकरण करने का आश्वासन देना था। यदि वह समय पर स्थिति को मौके पर जाकर देख लेते तो इस प्रकार की जन- धन की हानि नहीं होती और ग्रामवासियों पर अत्याचार नहीं होतें। उक्त घटना के जिम्मेदार जो प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारी है उसके विरूद्ध सरकार के द्वारा कानूनी कार्यवाही की जाकर तुरन्त प्रभाव से निलम्बित किया जावें व गलत तरीके से नरेश मीणा व गिरफ्तार ग्रामवासियों व कार्यकर्ताओं को तुरन्त प्रभाव से रिहा किया जाए व झुठे मुकदमें वापस लिए जाए अन्यथा सरकार के विरोध में मीणा समाज जहाजपुर व सामाजिक सगंठनों द्वारा आंदोलन किया जायेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।


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