नदबई में 43 डिग्री के पार पहुंच पारा


अस्पताल की ओपीडी पहुंची 700 के पार

बच्चे और बुजुर्ग हो रहे हैं हीट वेव से प्रभावित

नदबई |नदबई में मई महीने की गर्मी अपने चरम पर पहुंच चुकी है, जहां गर्मी अब प्रचंड रूप ले चुकी है। लगातार उतार-चढ़ाव वाले मौसम के बीच तापमान हर दिन नई ऊंचाइयों को छू रहा है। मंगलवार को दिन का अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, और सुबह 9 बजे से ही झुलसा देने वाली गर्म हवाओं ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया।

चिलचिलाती धूप और लू जैसी हवाओं ने जनजीवन को ठप कर दिया, जिससे दोपहर में बाजारों में कर्फ्यू जैसे हालात बन गए। लोग गर्मी से बचने के लिए स्वफी, टोपी, और ठंडे पेय पदार्थों का सहारा ले रहे हैं, जबकि मौसमी बीमारियों के बढ़ते मामलों ने नदबई के राजकीय जिला अस्पताल में मरीजों की भीड़ बढ़ा दी है।

नदबई में मई की शुरुआत से ही मौसम का मिजाज अनिश्चित रहा है। कभी हल्की बूंदाबांदी और आंधी से राहत मिलती है, तो कभी तेज धूप और गर्म हवाएं लोगों को परेशान करती हैं। मंगलवार को सुबह 9 बजे से ही गर्म हवाओं का प्रकोप शुरू हो गया, और दोपहर में लू जैसी स्थिति ने बाहर निकलना असंभव बना दिया। तापमान 43 डिग्री तक पहुंचने के साथ ही धूप इतनी तीखी थी कि लोग घरों में कैद होने को मजबूर हो गए।

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बाजारों में दोपहर के समय सन्नाटा छाया रहा, और लोग केवल जरूरी कामों के लिए ही बाहर निकले।गर्मी की मार से बचने के लिए लोग हर संभव उपाय कर रहे हैं। स्वफी, टोपी, और हल्के रंग के ढीले कपड़े अब आम हो गए हैं। ठंडे पेय पदार्थों जैसे नींबू पानी, गन्ने का रस, छाछ, और लस्सी की मांग बाजार में आसमान छू रही है।

मौसम के लगातार बदलाव और भीषण गर्मी ने मौसमी बीमारियों को बढ़ावा दिया है। नदबई के राजकीय जिला अस्पताल में उल्टी, दस्त, पेट दर्द, और बुखार के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। ओपीडी में प्रतिदिन 700 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं, जिनमें बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। जिसमें से 50 से 60 मरीज आईपीडी में भर्ती होते है।

राजकीय जिला अस्पताल में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन ने व्यापक व्यवस्थाएं की हैं। वार्डों में कूलर, पंखे, और ठंडे पानी की व्यवस्था की गई है, और दवाओं व मेडिकल उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। अस्पताल में कार्यरत नर्सिंग अधीक्षक नरेंद्र उपाध्याय ने कहा, “हम मरीजों की भीड़ को देखते हुए पूरी तरह तैयार हैं। स्टाफ को अतिरिक्त ड्यूटी दी गई है, ताकि मरीजों को किसी तरह की असुविधा न हो।”


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