अपने भोजन के मार्फत हम एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकते है: डॉ. जीएल शर्मा
अरिहन्त हॉस्पिटल के दिनेश सोनी ने हार्ट अटैक की स्थिति में सीपीआर की उपयोगिता बताई
भीलवाडा। हार्ट हमारे शरीर का सबसे मेहनतकश अंग है, जो कि भू्रण अवस्था से लेकर मृत्यु तक शरीर को खून के मार्फत आवश्यक पोषक तत्व एवं ऑक्सीजन पहुंचाता है। साफ खून ले जाने वाली धमनियों में कोलेस्ट्रॉल, फाइबर आदि ’’कचरा ’’ जमा होने से ब्लड सप्लाई कम होकर हार्ट अटैक की परिस्थितियां बनती है। डायबिटीज, ओबेसिटी, हाई ब्लड प्रेशर, अल्कोहल, स्मोकिंग हार्ट अटैक के प्रमुख कारक है। गांवों से शहरों की ओर पलायन, काम का दबाव, मानसिक तनाव इसमें सहयोगी है। स्वयं का शरीर 65 प्रतिशत कोलेस्ट्रॉल बनाता है, 35 प्रतिशत कोलेस्ट्रॉल हम भोजन के मार्फत से लेते है। स्वस्थ शरीर में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल 70 से कम एवं एचडीएल कोलेस्ट्रॉल 45 से अधिक होना चाहिए। अपने भोजन के मार्फत हम एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकते है। इसके लिए एक बार काम में लिया हुआ तेल दूसरी बार काम नहीं ले, सबसे बढ़िया कच्ची घाणी का तेल होता है, तिल्ली, मूंगफली आदि तरह-तरह के तेल को बदल-बदल कर काम में लेवे, तम्बाकू किसी भी रूप में हानिकारक है एवं शराब स्वास्थ्य की दुश्मन है। यह बात मेवाड़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री की ओर से रविवार को प्रातः मेवाड़ चैम्बर भवन में आयोजित हृदय रोग जागरूकता पर कार्यशाला में जयपुर के प्रियंका हॉस्पिटल एंड कार्डिएक सेंटर के डॉ. जीएल शर्मा ने बताई। डॉ शर्मा ने कहा कि स्वस्थ भोजन, फास्ट फूड, शराब, तम्बाकू दे दूरी के साथ सप्ताह में तीन से चार दिन 40-45 मिनिट व्यायाम, तीव्र गति से प्रातःकालीन भ्रमण महत्वपूर्ण है। भोजन में शुद्ध भोजन का प्रयास करे। आज आदमी आदमी का दुश्मन हो गया है। अपने फायदे के लिए नकली पनीर, नकली घी, मिलावटी तेल, बाजारों में बिक रहा है। बाजार में उपलब्ध पनीर भरोसे लायक नहीं है। हमेशा घर में बनाकर ही अपनी का उपयोग करे। हार्ट अटैक के लक्षण यथा घबराहट, पसीना, सीने के मध्य तीव्र दर्द होने पर डॉक्टर या हॉस्पिटल में पहुंचने से पूर्व डिस्प्रिन उपयोगी दवा है, उसे पानी में घोलकर देना चाहिए। एंजियोप्लास्टी या बाईपास कभी अपने आपको कमजोर या नर्वस नहीं समझे, डॉक्टर के बताये अनुसार उपयोगी व्यायाम एवं दवाइयों को नियमित रूप से लेवे। एक प्रश्न के उत्तर में डॉक्टर शर्मा ने अर्जुन छाल भी उपयोगी है, लेकिन वैज्ञानिक रूप से अनुसंधान की जरूरत है। अरिहन्त हॉस्पिटल के दिनेश सोनी ने हार्ट अटैक की स्थिति में सीपीआर की उपयोगिता बताई। ऐसे किसी भी व्यक्ति को जमीन पर लेटा कर, उसके कपड़े ढीले कर 30 बार सीपीआर देना चाहिए साथ ही नाक बंद करके मरीज के मुंह में सांस पहुंचानी चाहिए। एमजीएच के पीएमओ डॉ अरुण गौड ने इस अवसर पर कोरोना काल में मेवाड़ चैम्बर एवं उद्योगों की भूमिका की सराहना करते हुए विभिन्न उद्योगों में कार्यरत श्रमिकों के हित में विभिन्न तरह के कैम्प आयोजन का प्रस्ताव दिया। कार्यशाला के प्रारंभ में मेवाड़ चौम्बर के अध्यक्ष डीपी मंगल ने डॉ. जीएल शर्मा, डॉ अरुण गौड का माल्यार्पण कर स्वागत किया। इस अवसर पर मेवाड़ चैम्बर के पूर्वाध्यक्ष डॉ पीएम बेसवाल, दिनेश नौलखा, जेसी लढ्ढा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ आरसी लोढ़ा, उपाध्यक्ष योगेश लढ्ढा, पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू, पूर्व अध्यक्ष, नगर विकास न्यास लक्ष्मीनारायण डाड सहित उद्यमी, डॉक्टर, समाजसेवी उपस्थित थे।