अहम और बड़ा सवाल कब खाली करा पाएगा वन विभाग अपनी जमीन
प्रयागराज।ब्यूरो राजदेव द्विवेदी। जनपद के यमुनानगर शंकरगढ़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत गढ़वा किला के पास मौजा बड़गड़ी में वन विभाग की 297,302,303,304 आदि जमीन पर सिल्का सँड कारोबारी कई वर्षों से अपना करोड़ों का कारोबार करता है।परंतु वन विभाग शंकरगढ़ के द्वारा उक्त जमीन पर कोई भी प्रतिक्रिया सामने नहीं आ रही है और धड़ल्ले से उक्त व्यक्ति काम कर रहा है।जो वन विभाग की जमीन मौजा बड़गड़ी में है परंतु वाशिंग प्लांट चलाने वाला वनविभाग की जमीन पर कब्जा जमाए हुए है। वही काश्तकारों का कहना है कि अपने जमीन की वर्ष 2011 में सरकारी नाप पैमाइश पत्थर गढ़ी आदि सब करा रखा था।लेकिन उक्त सिलिका सैंड कारोबारी के आगे काश्तकार पस्त दिख रहे हैं। गढ़वा किला के पश्चिम दिशा से आने वाले झरने के पानी को जो तालाब में समाहित होता है उस नाला को ध्वस्त करते हुए जमीन को समतल कर तालाब के पानी के बहाव को अपने सिलिका सैंड वासिंग प्लांट पर बालू धुलाई करने के लिए मोड़ कर नाला का नक्शा ही बदल डाला। जिससे वहां करोड़ों की कमाई के लिए पानी का दोहन करते नजर आ रहा है।
सिलिका धुलाई से निकले हुए गंदे पानी को तालाब में बहाया जाता है आलम यह है कि तालाब का पानी इंसान क्या जानवर को भी मुवस्सर नहीं है। ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया कि एक जमाना था कि तालाब का हम लोग पानी पिया करते थे मगर आज नतीजा यह है कि सिलिका सैंड कारोबारी अपनी तिजोरी भरने के चक्कर में तालाब के अस्तित्व को मिटाने पर तुला है। तालाब अपनी दुर्दशा को देखकर कर रहा पुकार मेरी भी सुनो सरकार। जहां एक ओर केंद्र व प्रदेश सरकार तालाबों का सुंदरीकरण कर जल संरक्षण में लगी है वही मेरे साथ यह कैसी नाइंसाफी। ऐसे में बड़ा और अहम सवाल यह खड़ा होता है कि लगातार दैनिक समाचार पत्रों में खबरें प्रकाशित होने के बावजूद भी आखिर किसके संरक्षण में कई वर्षों से तालाब के अस्तित्व को मिटाने में वन विभाग की अवैध जमीन पर मोदी मिनरल्स उद्योग चल रहा है।